जनजीवन ब्यूरो / पटना : ''ब्राहिमपुर का रहनेवाला हूं, वहीं से खरीद कर मंगलवार रात को मैंने शराब पी थी. बुधवार सुबह 10:30 बजे से तबीयत बिगड़ने लगी आंख से धुंधला दिखाई देने लगा..'' 'जहरीली शराब पी थी' : वहीं...
जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में जैसे विदेशी राजनयिकों की कतार दिखती है, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर बिहार में राजनीतिक दल की प्राण-प्रतिष्ठा कर रहे प्रशांत किशोर के...
जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : आईएएस भी जब फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए बना जा सकता है तो अन्य नौकरियों की बात करना लगभग बेइमानी है। फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में अब पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ....
जनजीवन ब्यूरो / पटना: बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आई है। जेडीयू ने अपनी प्रदेश कमेटी में बड़ा फेरबदल करते हुए शनिवार को नई कमेटी का ऐलान किया। पार्टी ने करीब 15 महीने पहले ही 260 सदस्यों वाली...
जनजीवन ब्यूरो / दरभंगा । वीआईपी प्रमुख व पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी (75) की सोमवार रात दरभंगा के बिरौल थाने के सुपौल बाजार के जीरात मोहल्ला स्थित घर हत्या कर दी गई। दरभंगा के बिरौल थाने के सुपौल बाजार के जीरात मोहल्ला स्थित घर में उनका शव मिला है। धारदार हथियार से मारकर हत्या की गई है। वहीं दूसरी ओर बिहार में सियासी घमासान मच गया है। राहुल गांधी ने जताया शोक कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की निर्मम हत्या किए जाने पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि मुकेश जी और उनके समस्त परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और इस निंदनीय अपराध की कड़ी भर्त्सना करता हूं। बिहार सरकार से अपेक्षा है कि वो तुरंत कार्रवाई कर हत्यारों को कड़ी सज़ा दिलवाएं और सहनी परिवार को न्याय दिलाएं। अपने पिता जीतन सहनी की हत्या पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा, "...मैंने सीएम नीतीश कुमार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लालू प्रसाद यादव से बात की है। हमारे सभी शुभचिंतकों, राज्य और देश के नेताओं, मैंने सभी से बात की है और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा..." तेजस्वी ने कहा कि NDA सरकार सच्चाई स्वीकारने की बजाय वही घिसा-पीटा डायलॉग दोहरती रहती है कि सुशासन का राज है, जबकि प्रतिदिन सैकड़ों लोग आपराधिक घटनाओं में अकाल मौत मारे जा रहे है। हम तो क्राइम बुलेटिन भी जारी करते है, लेकिन अहंकारी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। टायर्ड नेता और रिटायर्ड अधिकारी प्रदेश की विधि व्यवस्था सम्भालेंगे तो यही हश्र होगा। प्रदेश में आतंकराज स्थापित हो चुका है। निरंतर कह रहा हूं कि बिहार की डबल इंजन पावर्ड सरकार में सत्ता संपोषित, सत्ता संरक्षित और सत्ता प्रायोजित सरकारी अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि वो जब चाहे, जहां चाहे, जैसे चाहे, कैसे भी, किसी की भी हत्या कर सकते है। वीआईपी पार्टी के संरक्षक एवं बड़े भाई मुकेश सहनी जी के पिता जी की अपराधियों द्वारा निर्मम हत्या की दुःखद खबर सुन स्तब्ध एवं मर्माहत हूं। शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर से प्रार्थना है कि इस दुख की घड़ी में परिजनों को दुःख सहने की शक्ति एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। जीतन सहनी के छोटे बेटे संतोष सहनी ने बताया कि मुकेश सहनी मुंबई से रवाना हो गए हैं और जल्द ही यहां आ जाएंगे। किसी को कोई आइडिया नहीं है, मेरी रात 8 बजे पिता से बात हुई थी। उन्होंने बताया कि उनके परिवार की किसी से दुश्मनी नहीं है। कहा कि हमारा पूरे गांव व जिले में किसी से कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं है। पुलिस प्रशासन को इसमें निष्पक्ष रूप से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
जनजीवन ब्यूरो / महोबा। उन्नाव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में बस सवार 18 लोगों की मौत हो गयी। जबकि 19 लोग घायल हो गए। जिस बस से यह हादसा हुआ उसका महोबा से पंजीकरण से हुआ है, जांच में होश उड़ाने वाले तथ्य सामने आये हैं। बस का पंजीकरण भले ही महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से हुआ है लेकिन यह बस कभी महोबा नहीं आयी, इतना ही नहीं करीब 50 बसें ऐसी हैं जो दूसरे शहरों व राज्यों से संचालित हो रही हैं और उनका पंजीकरण महोबा एआरटीओ कार्यालय से हुआ है। आरटीओ के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित उन्नाव हादसे के बाद पंजीकरण में हुई अनियमितता की जांच के लिए बांदा आरटीओ के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। टीम ने जांच शुरू करते हुए महोबा एआरटीओ कार्यालय से वर्ष 2018 व 2019 के वाहन पंजीकरण से संबंधित फाइलों को जब्त कर लिया है। जानकारी होने पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप उन्नाव में जिस बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 18 लोगों की जान चली गई, महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से पुष्पेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति नाम पंजीकृत है। पुष्पेंद्र का पता खन्ना थाना थाना क्षेत्र का मवई खुर्द गांव दर्ज है।इसकी जानकारी होने पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया। बस को यहां किस तरह पंजीकृत कराया गया, इसकी जांच के लिए बांदा के संभागीय परिवहन अधिकारी उदयवीर सिंह के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम जांच के लिए महोबा भेजी गई। जोधपुर की है बस कंपनी उन्नाव में दुर्घटनाग्रस्त बस यूपी 095 टी 4729 खन्ना थाना क्षेत्र के मवई खुर्द गांव निवासी पुष्पेंद्र सिंह के नाम केयर आफ में दर्ज है। बस का संचालन एमएस केसी जैन ट्रेवल्स के द्वारा किया जा रहा है। यह कंपनी जोधपुर की है। शिकायत सामने आयी ही कि वर्ष 2018 से 2019 के बीच महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से करीब 50 बसें केयरआफ में दलालों के माध्यम से पंजीकृत हुई हैं। उस दौरान इसका विरोध भी बस आपरेटरों के द्वारा किया गया था, फिलहाल उन्नाव हादसे के बाद 2018-2019 में दर्ज अन्य ऐसी और बसों को फाइलों को जब्त कर लिया गया है, जांच टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार केयर आफ में गलत पता का इस्तेमाल कर कितनी की पंजीकरण करा उनका संचालन हो रहा है। मवई खुर्द में नहीं मिले पुष्पेंद्र सिंह बस नंबर यूपी 95 टी 4729 पुष्पेंद्र सिंह के नाम पंजीकृत हैं, पुष्पेंद्र का पका खन्ना थाना क्षेत्र के ग्राम मवई खुर्द दर्ज हैं, लेकिन जांच टीम गांव पहुंची तो पुष्पेंद्र सिंह वहां नहीं मिले, जिससे संदेह है कि पता फर्जी है। पंजीकरण फाइल में उनका मोबाइल नंबर दर्ज था। उस नंबर पर काल की गई तो कई कॉल के बाद फोन रिसीव हुआ। पुष्पेंद्र ने बताया कि जिस कंपनी द्वारा बस का संचालन किया जा रहा है पहले वह उसी कंपनी में नौकरी करता था। कंपनी ने केयर आफ उसके नाम बस का पंजीकरण करा लिया था।
जनजीवन ब्यूरो / पटना । उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बुधवार की सुबह एक सड़क हादसा हुआ है, इस सड़क हादसे में कुल 18 लोगों की मौत हो गई है। यह सड़क हादसा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुआ है। वहीं इस बस हादसे के बाद जो अहम खुलासे सामने आ रहे हैं, वो हैरान करने वाले हैं। जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक बस के कागजों में दर्ज पता फर्जी निकला है। वहीं यह बस बिना परमिट और बिना बीमा के ही चल रही थी। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह बस खेती किसानी करने वाले व्यक्ति के नाम से महोबा जिले में रजिस्टर्ड थी। जानकारी के अनुसार यह शिवहर के ही रहने वाले शिवनारायण सिंह की थी। वहीं दिल्ली के रहने वाला चंदन जायसवाल पहाड़गंज से बसों को संचालित करते थे। अब इस मामले में आरटीओ अधिकारी बेहटा मुजावर थाने में बस मालिक के नाम पर एफआईआर (FIR) दर्ज कराएगी। जानकारी के अनुसार इस बस का परिचालन टूरिस्ट परमिट के नाम पर किया जा रहा था। यानि नियम के अनुसार इस बस के इंटर स्टेट चलाने का परमिट नहीं था। नमस्ते बिहार नाम की इस बस की तस्वीर देखकर इसकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बिलकुल खटारा स्थिति में थी। बस की टूटी खिड़कियों पर कांच की जगह जुगाड़ के तौर पर प्लाइबोर्ड लगाए गए थे। वहीं बस में अन्य सुविधाओं का भी अभाव था। बस हादसे की शिकार एक महिला ने बताया कि इस बस के मालिक कई और बस चलवाते हैं। लेकिन, हमलोग जब सफर शुरू करने वाले थे तो हमें जानकारी नहीं थी कि हमलोगों को खटारा बस में बिठा दिया जाएगा। बता दें, बिहार से दिल्ली जाने वाली अधिकांश बसों के पास इंटर स्टेट परमिट नहीं होता है, ये लोग परिवहन विभाग को कुछ पैसे देकर टूरिस्ट परमिट के नाम पर ही बसों का परिचालन करते हैं। बिहार से दूसरे राज्यों में जाने वाली प्राइवेट बसों में कानूनी पहलुओं का सही ढंग से पालन नहीं होता है। ऐसे में आए दिन बस दुर्घटना की खबर सामने आती रहती हैं। इससे पहले भी बिहार से यूपी और दिल्ली जाने वाली बस हादसों का शिकार हुई हैं। उन्नाव बस हादसे में मोतिहारी के 18 व्यक्ति की मौत हो गयी है, जिसमें फेनहारा थाना के एक ही परिवार के छह सदस्य असफाक (42), मो०इस्लाम (35) मुनचुन खातून (38) गुलनाज खातून (12) कमरून नेशा (30) सोहैल (3) साल के आलावा पिपरा कोठी निवासी मोहम्मद असलम के पुत्र सलीम और शमीम, मधुबन निवासी मोहम्मद के पुत्र जय सैयद, मोतीहारी निवासी नसरुल्ला दीवान के पुत्र फूल मोहम्मद, मोतीहारी निवासी विनोद के पुत्र रूपेश कुमार, मोतीहारी निवासी बैजू कुमार एवं आदापुर निवासी मेराज आलम शामिल है।
जनजीवन ब्यूरो / पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पहले चरण में इंडी गठबंधन पस्त हो गया. चौथे चरण में ध्वस्त हो गया और कल इंडी गठबंधन पूरी तरह परास्त हो गया. 4 जून को समाज को...
जनजीवन ब्यूरो / पटना : भारत निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता में पुलिस-प्रशासन की सख्ती के दावे को धता बताते हुए अपराधी लगातार बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इस बार बिहार में सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की...
जनजीवन ब्यूरो / पटना। महागठबंधन ने सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। राजद जहां 26 सीटों पर लड़ रही है, वहीं कांग्रेस नौ सीटों पर चुनाव लड़ती हुई नजर आएगी। बिहार की सबसे चर्चित पूर्णिया लोकसभा सीट पर...
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