जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार शेख गिरफ्तारी के बाद से ही चर्चा में है। वह पहली बार उस वक्त सुर्खियों में आया जब उसे कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था और उसने फिल्म पुष्पा के ‘झुकेगा नहीं’ वाले स्टाइल में कैमरे पर अकड़ दिखाई और हंसता हुआ कोर्ट गया। अंसार के बारे में कहा जाता है कि वह कबाड़ के कारोबार से धनवान बन गया। जहांगीरपुरी में उसका पांच मंजिला मकान है और वह महंगी कारों व सोने के आभूषणों का भी शौकीन है।
अंसार के पास जहांगीरपुरी इलाके में जहां पांच मंजिला मकान है। वहीं लग्जरी हाई एंड बीएमडब्ल्यू कार भी है। यह सब संपत्ति उसने कबाड़ के कारोबार से इकट्ठा की है। उसके परिवार का कहना है कि वह यहां सालों से रहते हैं लेकिन किसी से उनका झगड़ा नहीं हुआ।
परिवार ने कहा- इलाके में हमसे कोई परिवार दुखी नहीं
जिस इलाके में अंसार रहता है वहां हिंदू आबादी अधिक है। अंसार की पत्नी कहती है कि आप चाहें तो इलाके के लोगों से पूछ लें कोई भी उसके बारे में कुछ बुरा बोलता नहीं मिलेगा। अंसार को पुलिस ने मुख्य आरोपी इसलिए बनाया क्योंकि बताया जाता है कि जब वह शोभायात्रा में बात करने के लिए गया तब ही विवाद बढ़ गया और बवाल हो गया। अंसार के परिवार से जब पूछा गया कि वह आम आदमी पार्टी से जुड़े हैं तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि वह किसी पार्टी से नहीं जुड़े हैं।
अंसार के खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज हैं
जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता अंसार है। उसने ही शोभा यात्रा के दौरान शोभा यात्रा निकालने वालों से बहस की थी। इसके बाद पथराव शुरू हो गया था। अगर अंसार माहौल को तनावपूर्ण नहीं करता तो शायद जहांगीरपुरी में हिंसा नहीं होती। अंसार के खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ दो मामले हमला करने के और पांच गैंबलिंग एक्ट व आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं।
पुलिस डोजियर के मुताबिक जहांगीरपुरी की झुग्गी में जन्मा था अंसार
पुलिस ने कथित मुख्य आरोपी अंसार का आपराधिक रिकॉर्ड निकाला है। पुलिस डोजियर के मुताबिक अंसार का जन्म जहांगीरपुरी की झुग्गी बस्ती में ही 1980 में हुआ था। उसकी पत्नी का नाम शकीना है और बेटे का नाम सोहेल है। वहीं अंसार के भाई का नाम अल्फा है। पुलिस के मुताबिक अंसार का जीजा मेवात के नूंह में रहता है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अंसार पेशे से कबाड़ी है। वह चौथी कक्षा तक पढ़ा है।
उत्तर पश्चिम दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में सामान्य स्थिति बहाल होने तक सुरक्षा कर्मियों की भारी तैनाती जारी रहेगी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच संघर्ष हो गया था जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय शख्स जख्मी हो गया था।
पुलिस के मुताबिक, संघर्ष के दौरान पथराव और आगज़नी की घटनाएं हुई थी और गाड़ियों को भी जला दिया गया था। दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा था कि जहांगीरपुरी समेत संवेदनशील इलाकों में स्थिति सामान्य होने तक पुलिस कर्मियों की तैनाती बनी रहेगी। एक समाचार चैनल से अस्थाना ने कहा था, “ हमने न सिर्फ जहांगीरपुरी बल्कि अन्य इलाकों में भी पर्याप्त बल तैनात किया हुआ है। हम निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर निगाह रख रहे हैं कि भविष्य में कोई अप्रिय घटना न हो।” इस बीच, उस मस्जिद के सामने वाली सड़क को बंद कर दिया है जहां जुलूस पर कथित रूप से पथराव हुआ था तथा पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी की हुई है और बैरिकेड लगाए हुए हैं।
बेरिकेड्स के पास गाड़े तंबू
पुलिस ने बेरिकेड के पास तंबू भी लगा लिए हैं। इलाके में 24 घंटे 500 से ज्यादा पुलिस कर्मियों और अतिरिक्त बलों की छह कंपनियों को तैनात रखा गया है। पुलिस ने बताया कि आंसू गैस से लैस और पानी की बौछार करने वाले कुल 80 दलों को तैनात रखा गया है। संवेदनशील इलाकों में छतों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मौके पर रहें ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। जहांगीरपुरी इलाके में पुलिस ने अमन समिति के सदस्यों के साथ मिलकर सोमवार को शांति मार्च निकाला। पुलिस ने बताया कि समिति ने इलाके के लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और अफवाहों के झांसे में नहीं आने की अपील की। साथ में किसी भी शरारतपूर्ण गतिविधि की सूचना पुलिस को देने का आग्रह किया।