जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। विरोधी गेंदबाजों के जेहन में डर पैदा करने वाले सहवाग के जीवन का अहम लम्हा 2004 में आया जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में 309 रनों की पारी खेली और टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बनने के साथ ही ‘मुल्तान के सुल्तान’ का उपनाम भी पाया.
इसके चार साल बाद ही सहवाग ने चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 319 रनों की पारी खेली इस पारी में सहवाग ने महज 278 गेंदों में तिहरा शतक जड़ डाला जो कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे तेज तिहरा शतक है. सहवाग टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दो तिहरे शतक जड़ने वाले महज चार बल्लेबाजों में सहवाग भी एक हैं. टेस्ट की सबसे तेज ट्रिपल सेंचुरी का सहवाग का वर्ल्ड रिकॉर्ड आज तक नहीं टूटा है. वह दुनिया के क्रिकेटर हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक जड़ने के अलावा एक ही पारी में पांच विकेट भी चटकाए हैं.
अपनी बेलौस बल्लेबाजी के चलते कभी टेस्ट के लिए अनफिट माने जाने वाले सहवाग ने वनडे खेलने के दो साल से भी ज्यादा वक्त के बाद टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया और मजेदार बात ये है कि वो टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा सफल रहे. टेस्ट में सहवाग के नाम 23 सेंचुरी और 32 हाफ सेंचुरी हैं जबकि वनडे क्रिकेट में उनके नाम पर 15 सेंचुरी और 38 हाफ सेंचुरी दर्ज हैं. टेस्ट क्रिकेट में सहवाग के ड्रीम डेब्यू करते हुए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्हीं के घर ब्लोमफोन्टेन में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा.
पाकिस्तान के खिलाफ उसी की धरती पर तिहरे शतक के बाद ‘मुल्तान के सुल्तान’ के नाम से मशहूर हुए वीरेंद्र सहवाग ने आधुनिक क्रिकेट में अपनी पहचान दुनिया के सबसे आक्रामक सलामी बल्लेबाजों में से एक के रूप में बनाई. अपने दमदार शॉट्स के लिए मशहूर 37 साल के सहवाग ने बहुत अच्छा फुटवर्क ना होने के बावजूद अपनी आंखों और हाथों की जबरदस्त जुगलबंदी के दम पर डुप्लीकेट सचिन तेंदुलकर का तमगा हासिल किया था.
एक अप्रैल 1999 को मोहाली के पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ पेप्सी कप के मैच से वनडे क्रिकेट में एंट्री करने वाले सहवाग ने भारत के लिए 104 टेस्ट और 251 वनडे मैच खेले. सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में 47.34 के औसत और 82.34 के स्ट्राइक रेट से 8586 रनों के साथ ही वनडे क्रिकेट में 35.05 की औसत और 104.33 के धमाकेदार स्ट्राइक रेट से 8273 रन जोड़े. सहवाग का स्ट्राइक रेट उन्हें क्रिकेट के तमाम महान बल्लेबाजों से अलग खड़ा करता है.
अपने 11 साल के टेस्ट करियर के दौरान छह दोहरे शतक जड़ने वाले सहवाग ने इस दौरान सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज बल्लेबाजों के बीच सॉलिड इंडियन ओपनर के रूप में पूरे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई. अप्रैल 2009 में सहवाग विजडन के वर्ल्ड क्रिकेट के बेस्ट क्रिकेटर बने उस साल की लिस्ट में सहवाग इकलौते भारतीय थे. विजडन द्वारा 2009 में भी वर्ल्ड के बेस्ट क्रिकेटर चुने जाते ही सहवाग इस खिताब को बरकरार रखने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी भी बने.
सहवाग ने आठ दिसंबर 2011 को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे क्रिकेट में भी दोहरा शतक जड़ डाला, वह तेंदुलकर के बाद इस उपलब्धि को हासिल करने वाले दूसरे बल्लेबाज रहे. उस समय 149 गेंदों में उनके द्वारा बनाया गया 219 रनों का स्कोर वनडे इंटरनेशनल का सबसे बड़ा स्कोर था. हालांकि बाद में भारत के ही रोहित शर्मा ने 13 नवंबर 2014 को 173 गेंदों में 264 रनों की पारी खेलकर इस रिकॉर्ड को तोड़ा. सहवाग के अलावा वेस्ट इंडीज के क्रिस गेल ही दुनिया के दूसरे क्रिकेटर हैं जिन्होंने टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने के अलावा वनडे में दोहरा शतक भी बनाया है.
अपने बल्ले से गेंदबाजों पर अटैक करने के लिए मशहूर सहवाग स्लेजिंग में भी पीछे नहीं रहते थे. एक बार सहवाग ने पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर से कहा था, ‘बेटा बेटा होता है, बाप बाप होता है.’ दरअसल उस मैच में सहवाग अपने दोहरे शतक के आसपास बल्लेबाजी कर रहे थे और रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब लगातार बाउंसर करते हुए उन्हें हुक करने का इशारा कर रहे थे जिस पर इस स्टार बल्लेबाज ने कहा, ‘तुम्हारे पिताजी दूसरे छोर पर बल्लेबाजी कर रहे हैं, उसे बोलो और वह हुक करेगा.’ दूसरे छोर पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर बैटिंग कर रहे थे और शोएब ने उन्हें बाउंसर फेंकी. तेंदुलकर ने इसे हुक करते हुए छक्का जड़ा जिसके बाद सहवाग ने मशहूर बाप, बाप होता है वाली बात कही थी. इसके अलावा सहवाग ने एक बार ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज माइकल क्लार्क को भी मैदान पर अपने शब्दों से चुप करा दिया था.