जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । एनसीपी के मुखिया शरद पवार के साथ भतीजे अजित पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र का सियासी तापमान एक बार फिर से बढ़ गया है। भाजपा जहां इस मुलाकात पर कुछ भी कहने से बच रही है वहीं शरद पवार के सहयोगी भी असमंजस में पड़ गए हैं। कहा जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद उद्धव गुट भले से ऊपर से नाराजगी न दिखाएं लेकिन इस मीटिंग ने मन में संदेह जरूर पैदा कर दिया है। वहीं शरद पवार ने कहा कि उनकी भाजपा के साथ हाथ मिलाने की कोई योजना नहीं है, उनके सहयोगी इन बैठकों से अपनी असहमति के बारे में कोई शिकायत नहीं कर रहे हैं। हमारे किसी भी सहयोगी को इससे परेशानी नहीं है। वह मेरा भतीजा है और परिवार का सदस्य है तो मुलाकात में क्या दिक्कत है।
राज्यसभा सांसद और उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शरद पवार की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके भतीजे से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है यह मैं भी मानता हूं। लेकिन शरद पवार की इस मुलाकात के बाद उनके समर्थक सड़कों पर क्यों लड़ रहे हैं? अनुभवी नेता पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी अन्य पार्टी के नेताओं के साथ बैठकर दिखावा नहीं करते क्योंकि हमारे कार्यकर्ता लड़ते हैं। संजय राउत ने शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का “भीष्म पितामह” बताया और कहा कि उन्हें ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो। संजय राउत ने कहा कि उन्होंने शरद पवार की अजित पवार से मुलाकात के बारे में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले से बात की है। संजय राउत की यह टिप्पणी उनकी पार्टी के मुखपत्र सामना में यह कहे जाने के बाद आई है कि अजित पवार को बार-बार शरद पवार से मिलते देखना और बाद में इसे टालते नहीं देखना “मनोरंजक” है
संजय राउत ने कहा कि ऐसी आशंका है कि बीजेपी के ‘चाणक्य’ अजित को वरिष्ठ पवार से मिलने के लिए भेजकर कुछ भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, ऐसी बैठकें शरद पवार की छवि को खराब करती हैं और यह अच्छा नहीं है।