जनजीवन ब्यूरो / मड़वन। केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में लाए महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण के लिए तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार बिहार व देश में आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करना चाहिए या नहीं। इस सवाल पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अपनी राय साफ की है।
आंदोलन करने वाले लोग बेवकूफ
प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि जो आंदोलन करना चाह रहे हैं, उनको करने दीजिए। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि महिला आरक्षण जो लागू हुआ है वो ठीक है, इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले बेवकूफ लोग हैं। उनको न महिला आरक्षण से मतलब है, न महिलाओं की स्थिति से।
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनको मतलब है कि इसमें राजनीति होती रहे और कुछ न कुछ करके इसमें अपनी रोटी सेंकते रहें। जो लोग आज कह रहे हैं कि महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए आरक्षण अलग से होनी चाहिए, ठीक है पहले आरक्षण आने दीजिए फिर अलग से ओबीसी के लिए भी आरक्षण लागू कर दीजिएगा।
उन्होंने कहा कि आरजेडी-जेडीयू से जरा पूछिए कि आपने अपनी पार्टी में कितनी ओबीसी महिलाओं को टिकट दी है। जो मुसलमान समाज के लोग हैं, वो भाजपा के डर से लालटेन को वोट दे रहे, इनको न जाति से मतलब है, न काम से, इनको सिर्फ एक चीज से मतलब है कि भाजपा हारनी चाहिए।
प्रखंड के बसंतपुर में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर सिर्फ जाति पर ही पूरे बिहार में वोट पड़ता तो मोदी को बिहार में वोट कैसे मिलता। मोदी की जाति का तो बिहार में कोई नहीं रहता है। जो मुसलमान समाज के लोग हैं, वो जाति पर तो वोट नहीं दे रहे हैं, वो लालटेन को क्यों वोट दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में वोट चार वजह से पड़ता है, पहला जाति है, दूसरा धर्म है, तीसरा लालू के डर से लोग भाजपा को वोट देते हैं और चौथा जो मुसलमान समाज है वो भाजपा के डर से लोग लालटेन को वोट देते हैं।
भाजपा के विधायक ने अगर काम नहीं भी किया है, बात नहीं सुनी है तो भी आप लालटेन के डर से भाजपा को वोट देते हैं।