जनजीवन ब्यूरो / मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान ‘वोट जिहाद’ जैसे विवादास्पद नारों पर चुनाव आयोग सख्त है। चुनाव के दौरान दिए गए ऐसे सभी पर बयानों को लेकर आयोग जांच कर रहा है। महाराष्ट्र के एडिशनल मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ। किरण कुलकर्णी ने कहा कि ‘विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के 650 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। प्रवर्तन एजेंसियां यह सुनिश्चित करेंगी कि ये सभी मामले निष्कर्ष तक पहुंचें।’
मामले की होगी गहनता से जांच
‘वोट जिहाद’ को लेकर उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग किसी भी तरह की कार्रवाई से पहले इसके कानूनी और सामाजिक पहलू का सावधानी से विश्लेषण करेगा। हमें वोट जिहाद जैसे शब्दों को लेकर बेहद सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘ये एक नया शब्द है। इसके कानूनी, भाषायी, सामाजिक और धार्मिक पहलू को देखना होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त और मैं इसका विश्लेषण कर रहे हैं और सभी पहलुओं को देखने के बाद आवश्यक फैसला किया जाएगा।’
जब कुलकर्णी ने पूछा गया कि क्या ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से चुनाव पर असर पड़ता है, तो उन्होंने जल्दबाजी में निष्कर्ष पर पहुंचने के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा, ‘यह लंबी प्रक्रिया है। शब्दों और उनके संदर्भ का विश्लेषण किया जाना जरूरी है।’
20 नवंबर को हुए थे चुनाव
उन्होंने कहा कि ‘नई शब्दावली के लिए कोई कानूनी फ्रेमवर्क नहीं है। इसलिए हमें ऐसे मामलों के परिणाम को ध्यान में रखते हुए सावधानी से संभालना चाहिए।’ आपको बता दें कि 288 सीटों वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान हुए थे। तीन दिन बाद ही वोटों की गिनती भी हो गई है। राज्य में 15 अक्टूबर को आचार संहिता लग गई थी।
राज्य के एडिशनल मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ। कुलकर्णी ने कहा कि ‘आचार संहिता उल्लंघन के कुल 659 केस दर्ज हुए। जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान 366 मामले ही दर्ज हुए थे। जांच एजेंसियों ने लोकसभा के 300 मामलों में चार्जशीट फाइल कर दी है।’
जल्द दाखिल होगी चार्जशीट
विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुए मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि ‘एजेंसियां जांट कर रही हैं। कोर्ट में सभी मामलों के लिए चार्जशीट जल्द फाइल की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि ये क्रिमिनल मामले हैं और इनके लिए एक तय प्रक्रिया होती है। सभी मामले भारतीय न्याय संहिता के तहत देखे जाएंगे।
कुलकर्णी ने कहा, ‘कुछ शिकायतों को जांच में सही पाया गया है। आदर्श आचार संहिता कोई कानून नहीं है, लेकिन यह एक गाइडलाइन है, जिसे कई कानूनों के तहत मान्यता मिली है।’ हालांकि उन्होंने महाराष्ट्र में बूथ कैप्चरिंग के आरोपों को सिरे से नकार दिया।
उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में कभी भी बूथ कैप्चरिंग नहीं हुई। ईवीएम को लेकर ऐसा दावा भी आधारहीन है। मतदान बाधित होने के 6 मामले सामने आए थे, जहां एक घंटे के भीतर ही मतदाना दोबारा शुरू कर दिया गया था।’