जनजीवन संवाददाता
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में बाढ़ से मरने वालो की संख्या 17 तक पहुंच गई है लेकिन अभी भी राज्य की जनता को इससे राहत मिलने वाली नही है। शनिवार शाम से खराब हुए मौसम के मिजाज जम्मू में हालांकि मंगलवार दोपहर बाद नरम तो पड़े, लेकिन अगले दो दिनों तक इससे राहत के आसार अभी भी नहीं हैं। इस बीच बारिश से कई जगहों पर जलभराव से जनजीवन प्रभावित होकर रह गया है।
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के दौरान कुछ स्थानों पर बर्फबारी और तेज बारिश की संभावना जताई है। जम्मू में मंगलवार सुबह भी तेज बारिश हुई, जिससे शहर के अधिकतर निचले क्षेत्रों में जलभराव भी हुआ। चूंकि यह दफ्तरों के खुलने का समय था तो कइयों को भीगने को मजबूर भी होना पड़ा। शहर की नालियों, गलियों में पानी जमा हुआ लेकिन दोपहर बाद मौसम थोड़ा साफ हुआ तो तीन दिनों से बारिश से परेशान लोगों ने राहत की सांस ली। जम्मू में शाम तक आसमान साफ तो रहे, लेकिन बादलों के घेरे फिर से घने होने लगे हैं।
इसबीच नई दिल्ली से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठ टीमें कश्मीर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव अभियानों के लिए मुस्तैद हैं। बल की दो टीमों को श्रीनगर के अनंतनाग और हुमहामा थाना क्षेत्रों में तैनात किया गया है, तीन अन्य टीमों को अलग अलग स्थानों से राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी पहुंचाया गया, जहां भारी बारिश के कारण सात महीने बाद एक बार फिर मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं। 100-100 जवानों वाली अन्य तीन टीमों को तैयार रहने को कहा गया है।
यहां बल मुख्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘इस समय तमाम साजो सामान से लैस एनडीआरएफ की आठ टीमें कश्मीर घाटी में बाढ़ की स्थिति में तत्काल मदद के लिए तैयार हैं।’ विज्ञप्ति के अनुसार, ‘बाढ़ की आपदा के खतरे को देखते हुए उत्तर और दक्षिण कश्मीर में दो-दो टीमों को तैनात किया गया है और चार टीमों को मध्य कश्मीर में तैनात किया गया है।’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बल ने घाटी में गतिविधियों के संचालन और समन्वय के लिए उप महानिरीक्षक स्तर के एक अधिकारी को दिल्ली से यहां भेजा है। बल का दिल्ली स्थित नियंत्रण कक्ष हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है और अन्य एजेंसियों के संपर्क में है।