जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का नोटिस मिलने के बाद लालकृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण सम्मान मिलने पर सवाल उठने लगे हैं। बाबरी केस को लेकर एक याचिका दायर करने वाले फैजाबाद के हाजी महबूब ने इस मामले में आरोपी आडवाणी को पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, ”एक व्यक्ति अगर किसी मामले में आरोपी है तो उसे यह सम्मान कैसे दिया जा सकता है।”
हाजी ने यह भी कहा कि अब केंद्र में बीजेपी की सरकार है ऐसे में इस मामले से जुड़े बीजेपी नेताओं को सरकार बचाने की कोशिश कर सकती है। उन्होंने कहा, ” आज राजनाथ सिंह केंद्र में गृहमंत्री हैं और सीबीआई उनके तहत काम करती है ऐसे में इस मामले को प्रभावित करने की कोशिश की जा सकती है। इस मामले में अन्य आरोपी उमा भारती और कल्याण सिंह को भी सरकार ने बड़ा पद दे दिया है।”
बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी ने कहा कि सीबीआई वाले मस्जिद शहीद करने वालों को मुल्जिम नही मानते हैं। उन्होंने कहा कि आज तक यह सभी अदालत के साथ खिलवाड़ करते हुए चले आ रहे हैं।
आज अदालत ने जो कदम उठाया है वह काबिले तारीफ है। हाशिम ने कहा कि आडवाणी को पद्मविभूषण से नवाजा गया है। इसका बाबरी मस्जिद से जुडे सभी पैरोकार विरोध करते हैं। क्योंकि बाबरी मस्जिद विध्वंस के आरोपी को सम्मनित करना गलत है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या बाबरी विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती सहित 20 लोगों को नोटिस भेजा है। इसमें पूछा गया है कि इन नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोप फिर क्यों न बहाल किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन नेताओं को इस मामले में आपराधिक साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया था। इसके खिलाफ साल 2011 में अपील दायर की गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि सीबीआई ने इस मामले में बीजेपी नेता आडवाणी को बचाने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट ने हाजी महबूब द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है।
हाजी महबूब ने कहा, ”आरोपियों को नोटिस भेजने के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस भेजे जाने से सच सामने आएगा।” बाबरी एक्शन कमेटी के वकील जाफरयाब जिलानी ने कहा, ”सीबीआई का एटीट्यूड सरकार बदलने के साथ बदलता रहा है। जांच एजेंसी ऐसी योजना बना रही है कि इस मामले और याचिका को कमजोर बनाया जाए। इसके बाद हमने हाजी महबूब अहमद को इस संबंध में याचिका दायर करने के लिए तैयार किया।” सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम धर्म गुरु खालिद आर फिरंगी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सीबीआई इस मामले में गंभीरता बरतेगी।
इलाहाबाद कोर्ट ने बाबरी मामले में 21 आरोपियों को साजिश के आरोप से मुक्त कर दिया था। आरोपियों में से एक बाल ठाकरे की मौत हो चुकी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला 20 मई 2010 को आया था, लेकिन सीबीआई ने 9 महीने बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि कानून के मुताबिक जांच एजेंसी को अपील तीन महीने के अंदर करनी चाहिए थे। सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 18 फरवरी 2011 अपील दायर की थी।