जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। चाय पर चर्चा के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोट(नाव) पर चर्चा करेंगे, वह भी फ्रांस में। लोकसभा चुनावों के दौरान चाय पर चर्चा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी लोकप्रियता बढ़ी थी और उसका फायदा भाजपा को काफी मिला था। अब देखना है कि नाव पर चर्चा से मोदी के मेक इन इंडिया मिशन को कितनी सफलता मिलती है। क्योंकि मेक इन इंडिया मोदी का सबसे पसंदीदा कार्यक्रम है और निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
मोदी फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर गुरूवार यानी 9 अप्रैल से 16 अप्रैल तक के लिए रवाना होंगे और यह कनाडा तथा जर्मनी समेत उनकी तीन देशों की यात्रा का पहला पडाव होगा। । फ्रांस में न सिर्फ रक्षा क्षेत्रों में सहयोग के लिए बातचीत करेंगे बल्कि
आर्थिक विकास के क्षेत्रों में भी कई महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर होने
की संभावना है। खास बात यह है कि मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा
ओलोंद नाव पर बैठकर कई समझौतों को अंतिम रूप देंगे। बकौल विदेश सचिव जयशंकर के अनुसार नाव पर चर्चा के एजेंडे में न्यूक्लीयर क्षेत्रों तो
शामिल है ही साथ ही रक्षा क्षेत्रों में मेक इन इंडिया का भी एजेंडा शामिल है।
हाल ही में मोदी ने रेल मंत्री सुरेश प्रभू से जवाब मांगा था कि आपातकाल के दौरान रेल गाड़िया कैसे समय पर चलती थी? भले ही उस सवाल का जवाब नहीं दे पाए हों लेकिन मोदी जर्मनी में इस सवाल का जवाब जरूर तलाशेंगे। जर्मनी यात्रा के दौरान मोदी कुछ रेलवे स्टेशनों का दौरा करेंगे और वहां स्टेशनों के रखरखाव से लेकर रेल गाड़ियों के परिचालन तक की जानकारी हासिल करेंगे। जर्मनी के रेल सुविधाओं को पूरी दुनिया में सबसे अत्याधुनिक माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी रेलवे को लेकर काफी गंभीर हैं और हाई स्पीड ट्रेन, सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की उनकी दिली इच्छा है। इसलिए रेल परिचालन की तकनीक और खर्च को लेकर वे बेहद गंभीर हैं।
मोदी की इस यात्रा की एक और खासबात यह होगी कि 42 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कनाडा यात्रा होगी। बकौल जयशंकर वर्ष 1973 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कनाडा की यात्रा की थीं, लेकिन उसके बाद किसी भी प्रधानमंत्री ने कनाडा की यात्रा करना मुनासिब नहीं समझा। जबकि भारत की आर्थिक विकास में कनाडा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार लगभग 12 लाख भारतीय मूल के लोग कनाडा में रह रहे हैं और सत्ता से लेकर औद्योगिक विकास तक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
फ्रांस के साथ रक्षा सौदों पर चर्चा
नरेंद्र मोदी नौ अप्रैल को फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद एवं अन्य नेताओं के साथ उनकी बैठक में रक्षा सौदों पर चर्चा होने की संभावना है. खासकर 126 मल्टीरोल मीडियम रेंज कॉम्बेट एयरक्राफ्ट राफेल के लंबित सौदे तथा परमाणु सहयोग का मुद्दा छाये
रहने की संभावना है। 12 अरब डॉलर की राफेल डील पर पिछले 3 साल की लंबी बातचीत के बाद भी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। भारत एवं फ्रांस रक्षा के अलावा अंतरिक्ष, रेलवे एवं परमाणु क्षेत्र में भी मिलकर काम कर रहे हैं और इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत होने की संभावना है।
हनोवर मेले का उद्घाटन करेंगे मोदी
प्रधानमंत्री 12 तारीख को जर्मनी के हनोवर शहर पहुंचेंगे जहां हनोवर के मेयर और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल से उनकी मुलाकात होगी। रात में प्रधानमंत्री के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा। अगले दिन 13 अप्रैल को वह जर्मन चांसलर के साथ हनोवर औद्योगिक मेले का उद्घाटन करेंगे और मेले के कुछ मंडपों का दौरा करेंगे। हैनोवर मेस नाम के इस ट्रेड फेयर में मेक इन इंडिया को प्रोमोट किया जाएगा। इस महोत्सव में भारत साझीदार देश के रूप में भाग ले रहा है। इससे पहले 2006 में भी भारत इस महोत्सव में साझीदार रह चुका है। इसके बाद श्री मोदी बर्लिन जाएंगे जहां उनकी जर्मन चांसलर के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी।
ध्यान रहे कि मोदी अपनी हर कूटनीतिक यात्रा को निजी स्तर पर ले जाते हैं और वहां के राष्ट्र प्रमुख से निकटता व निजी संबंध बनाने का संदेश विश्व बिरादरी को देते हैं। अमेरिका यात्रा के दौरान जूनियर मार्र्टिन लूथर किंग के समाधि पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ उनका जाना ऐसा ही प्रयास था या फिर जापान यात्र के दौरान वहां के प्रधानमंत्री के साथ बौद्ध मंदिर जाना।
कनाडा के साथ संबंधों को सुदृढ बनाने पर जोर
आठ दिन की अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में वह कनाडा जाएंगे। यहां मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर से मुलाकात करेंगे। दोनों देश अपने संबंधों को सुदृढ करने पर जोर दे सकते हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री भी मोदी की यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा,‘कनाडा के साथ संबंधों को सुदृढ बनाने और कनाडा में नेताओं, उद्योग जगत के शीर्ष नेताओं और वहां रहने वाले भारतीयों से मुलाकात करने को लेकर उत्सुक हूं।