जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। जर्मनी में नेताजी के परिजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर नेताजी जासूसी मामले को उठा सकते हैं। परिजन नेताजी से संबंधित सभी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग मोदी से करेंगे। नेताजी के पोते सूर्य कुमार बोस के अनुसार वह निश्चितरूप से मोदी से इसबात की मांग करेंगे। उधरनेताजी सुभाष चंद्र बोस की जासूसी नेहरू सरकार द्वारा कराए जाने के मामले में नई बात सामने आई है। इंडियन इंटेलिजेंस ब्यूरो ने नेताजी के करीबी ए.सी. नांबियार और भतीजे अमिया नाथ बोस के बीच लिखे गए एक खत को ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी MI5 के साथ साझा किया गया था।
19 अगस्त 1947 को एसी नांबियार, लेमेक्वाई 80, ज्यूरिख, स्विटजरलैंड से अमिया नाथ बोस, 1 वुडबर्न पार्क, पी ओ, एलगिन रोड, कलकत्ता एक पत्र लिखा गया था। उस पत्र को लेकर 6 अक्टूबर 1947 को आईबी ऑफिसर एसबी शेट्टी ने MI5 सिक्यॉरिटी लायसन ऑफिसर केएम बोर्न (दिल्ली में पोस्टेड) से ‘राय’ मांगी थी।
बोर्न ने अगले ही दिन यानी 7 अक्टूबर को ज्यादा जानकारी की मांग के साथ MI5 के डायरेक्टर जनरल को वह पत्र भेज दिया। भेजी गई चिट्ठी में बोर्न ने लिखा था, ‘अगर आप इस पत्र पर अपनी कोई राय दे सकें तो यह सराहनीय होगा।’ यह चिट्ठी बोस की पत्नी और बेटी से संबंधित भी हो सकती है, हालांकि इसका विषय अभी भी अस्पष्ट है।
भारत की स्वतंत्रता से कुछ ही महीने बाद लिखे गए यह दोनों पत्र MI5 की गुप्त सूची से हटाए गए उन्हीं 2000 पन्नों का हिस्सा है जिसे पिछले साल सार्वजनिक किया गया था।