जनजीवन ब्यूरो
नई दील्ली। कोयला घोटाले की आंच फ्रांस तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में कोयला घोटाले का जिक्र किया और यूपीए सरकार का नाम लिया। कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने मामले को राजनीतिक हवा देते हुए पीएम मोदी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री फ्रांस में चुनाव लड़ेंगे?
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पीएम पर सवाल उठाते हुए पूछा, ‘प्रधानमंत्री को विदेश जाकर ऐसी बातें करना शोभा नहीं देता। क्या पीएम वहां चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यह मामला यहां कोर्ट में लंबित है। नीलामी की नीति यूपीए सरकार ने बनाई थी।सब जानते है कि वह आगे नहीं बढ़ पाया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित था.’
कोयला घोटाले को लेकर पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने कोयला ब्लॉक ऐसे आवंटित किए थे, जैसे कोई व्यक्ति पेन या रुमाल बांटता है। इससे सरकार को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने पेरिस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “आपने कोयला ब्लॉक आवंटन के बारे में सुना होगा… 204 कोयला ब्लॉक ऐसे दिए गए थे, जैसे कोई जब आपसे मिलने आता है, तो आप उसे अपनी कलम या रुमाल देते हैं। भले ही आप किसी को अपनी कलम देते हैं, तो भी आप दस बार सोचते हैं कि क्या आप इसे सही व्यक्ति को दे रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा, “बाद में, काफी बवाल मचा और सुप्रीम कोर्ट ने सभी आवंटन रद्द कर दिए। यहां तक कि एक पूर्व प्रधानमंत्री के नाम का भी जिक्र आया। मैं इस आलोचना में नहीं जाना चाहता।” प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी कोयले खदान का खनन 31 मार्च, 2015 के बाद नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, “हमें इस बात की आशंका सताने लगी कि यदि कोयला नहीं होगा, तो बिजली संयंत्र बंद हो जाएंगे और लोगों को दिक्कतें आएंगी। इसलिए, हमने तेजी से काम किया और ब्लॉकों की नीलामी करने का निर्णय किया।”
पीएम ने कहा, “204 में से 20 कोयला ब्लॉकों की अभी तक नीलामी की जा चुकी है और हमें उनसे दो लाख करोड़ रुपये से अधिक राजस्व मिला है।” उन्होंने कहा कि कैग ने 204 खानों के आवंटन से 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान जताया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “केवल 10 प्रतिशत काम किया गया है। यदि सरकार अपने पूरे कार्यकाल में इसी तरह की चीजें करती है, तो लोग कहेंगे कि आप 25 साल तक शासन करें।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय किया है कि नीलामी से प्राप्त राजस्व केंद्र सरकार के खजाने में नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे विकास एवं स्वास्थ्य के लिए राज्यों को दिया जाएगा। लाभार्थी राज्यों में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा हैं, जहां कोयला खदानें स्थित हैं। पीएम ने कहा, “इसमें गुजरात नहीं है… यदि गुजरात ऐसे राज्यों में से एक होता तो मुझ पर केवल गुजरात के लिए सब कुछ करने का आरोप लगाया जाता।”
पीएम मोदी ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री के तौर पर उनके 10 महीनों के अनुभव के आधार पर वह कह सकते हैं कि भारत गरीब बना रहे, इसकी कोई वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्वबैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसी सभी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां कह रही हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। यहां तक कि मूडीज का भी कहना है कि भारत की वृद्धि की संभावना सही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को जिन उम्मीदों के साथ सत्ता सौंपी गई हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा।