जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। सरकार ने यात्रा दस्तावेज जारी करने संबंधी सेवाओं को सरल बना दिया है जिसके साथ ही वर्तमान पासपोर्ट में जन्मतिथि बदलवाना आसान हो गया है। वर्तमान नियम में बदलाव करके सरकार ने डिजिटल रूप में हस्ताक्षर वाले विवाह और जन्म प्रमाणपत्र को विवाह और जन्म के वैध सबूत के तौर पर अनुमति भी दे दी है।
नए दिशानिदेर्शों में पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारियों (पीआईए) को हर उस आवेदक के अनुरोध पर विचार करने का अधिकार दिया गया है जो जन्म की तारीख में परिवर्तन करवाना चाहता है, चाहे पासपोर्ट जारी हुए कितना भी वक्त क्यों ना हो गया हो।
इससे पहले के दिशानिदेर्शों के तहत जन्मतिथि में परिवर्तन पासपोर्ट जारी करने के पांच साल के भीतर ही करवाया जा सकता था। यह पूरी प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल थी और इसमें बहुत सारा कागजी काम करना होता था। आवेदक द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों के आधार पर पीआईए के संतुष्ट होने पर संबंद्ध अधिकारी नई जन्मतिथि वाले पासपोर्ट जारी कर सकते हैं।
मुख्य पासपोर्ट अधिकारी अरूण ने बताया, मामले की सत्यता को देखते हुए अधिकारी नए पासपोर्ट जारी कर सकते हैं। पासपोर्ट विदेश मंत्रालय जारी करता है। मंत्रालय ने पासपोर्ट जारी करने वाले प्राधिकारियों को डिजिटल हस्ताक्षर वाले विवाह प्रमाणपत्र एवं जन्म प्रमाणपत्र को क्रमश: विवाह तथा जन्म के वैध सबूत के तौर स्वीकार करने के लिए निदेर्श पहले ही जारी कर चुका है।