जनजीवन ब्यूरो
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत आठ नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा की थी. इससे चलन से करीब 86 प्रतिशत करेंसी बाहर हो गई थी. इस वजह से उपभोक्ता मांग कमजोर पडी है. खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में कई साल के निचले स्तर 3.63 प्रतिशत पर आ गई है. खाद्य वस्तुओं की मांग में गिरावट से खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है. नोटबंदी की वजह से पैदा हुए नकदी संकट से उपभोक्ता मांग कमजोर पडी है. यह खुदरा मुद्रास्फीति का जनवरी, 2014 के बाद का निचला स्तर है. अगस्त, 2015 में यह 3.66 प्रतिशत पर थीं सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में 4.20 प्रतिशत पर थी.
नवंबर, 2015 में यह 5.41 प्रतिशत थी. सब्जियों के खुदरा दाम समीक्षाधीन महीने में 10.29 प्रतिशत नीचे चल रहे थे. अक्तूबर में सब्जियों के दाम सालना आधार पर 5.74 प्रतिशत नीचे थे. हालांकि, फलों की मुद्रास्फीति नवंबर में बढकर 4.60 प्रतिशत हो गई, जो अक्तूबर में 4.42 प्रतिशत थी. मोटे अनाजों और इसके उत्पादों की महंगाई 4.86 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इससे पिछले महीने 4.40 प्रतिशत पर थी. नवंबर में प्रोटीन वाले उत्पादों मसलन मांस और मछली की महंगाई दर घटकर 5.83 प्रतिशत पर आ गई, जो अक्तूबर में 6.16 प्रतिशत थी. माह के दौरान अंडों की मुद्रास्फीति 8.55 प्रतिशत पर रही, जो पिछले महीने 9.42 प्रतिशत पर थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत आठ नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा की थी. इससे चलन से करीब 86 प्रतिशत करेंसी बाहर हो गई थी. इस वजह से उपभोक्ता मांग कमजोर पडी है. कुल मिलाकर उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक घटकर 2.11 प्रतिशत पर आ गया, जो अक्तूबर में 3.32 प्रतिशत पर था. नवंबर में ईंधन और लाइट में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 2.80 प्रतिशत रही, जो इससे एक महीने पहले 2.81 प्रतिशत पर थी. समीक्षाधीन महीने में ग्रामीण खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.13 प्रतिशत पर आ गई, जो अक्तूबर में 4.78 प्रतिशत थी. इसी तरह शहरी खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.05 प्रतिशत रह गई, जो इससे एक महीने पहले 3.54 प्रतिशत पर थी.