नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने आज भरोसा जताया कि नये नोटों की आपूर्ति में आगामी 2-3 सप्ताह में व्यापक सुधार होगा. इसके साथ ही मंत्रालय ने रिजर्व बैंक व बैंकों से कहा है कि वे अपने यहां जमा हुए अमान्य नोटों के आंकडों की ‘दोबारा जांच’ कर लें ताकि यह सुनिश्चित हो कि नोटों की गिनती में गडबडी या दोहराव तो नहीं हुआ.
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक 500 व 2000 रुपये के पांच लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट पहले ही जारी कर चुका है. नोटबंदी के कारण बाहर हुए 15 लाख करोड रुपये मूल्य के नोटों का लगभग 50 प्रतिशत इस महीने के आखिर तक प्रणाली में नये नोटों के रुप में आ जायेगा. उन्होंने कहा, ‘वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक व प्रवर्तन एजेंसियां समन्वय में काम कर रहे हैं ताकि स्थिति सुधरे. हालात लगातार सुधरे हैं. मुझे लगता है कि 500 रुपये के और अधिक नोट प्रचलन में आने से अगले 2-3 सप्ताह में स्थिति में काफी सुधार होगा. ‘ सरकार ने 500 रुपये के नोटों के मुद्रण का काम तेज किया है. देश भर में दो लाख से अधिक एटीएम पहले ही नये नोट जारी करने के अनुरुप ढाले जा चुके हैं.
शक्तिकांत दास ने कहा, ‘हमने बैंकों को सलाह दी है कि वे एटीएम में लगातार पैसा डाले और उन्हें खाली नहीं रखें। हम हालात पर लगातार निगाह रखे हुए हैं. ‘ अप्रचलित नोटों के बैंकों में जमा होने के बारे में उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने 12.5 लाख करोड रुपये का आंकडा दिया है कि इतने मूल्य के नोट बैंकों में जमा हुए हैं. दास ने कहा, ‘हमने आरबीआई व बैंकों से कहा है कि वे अपने अपने आंकड़ो की दुबारा जांच कर लें. ‘रिजर्व बैंक के आंकडों के मुताबिक 10 दिसंबर तक अमान्य किये गये 500 और 1,000 रुपये के 12.44 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस बैंकों में जमा हो चुके हैं