जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । कर्नाटक के बिज़नेसमैन और पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी की बेटी की शादी पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा है. शुरुआती अनुमान के मुताबिक इस शादी में पांच अरब खर्च हुए.
बेशक यह भारत की सबसे महंगी शादी थी. शुरुआती अनुमान के मुताबिक़ इस शादी में पांच अरब रुपये खर्च किए गए थे. हालांकि शादी के बाद के हफ्तों में इस अनुमानित रकम में संशोधन किया गया था. पांच दिनों तक चला यह शादी समारोह कोई साधारण कार्यक्रम नहीं था. कहा जा रहा है कि इसमें सोने का आमंत्रण पत्र था. शादी में 50 हज़ार अतिथियों को आमंत्रित किया गया था. इसमें ब्राजील से सांबा डांसर बुलाए गए थे.
इस असाधारण शादी में खर्च करने वाले शख्स का नाम जनार्दन रेड्डी है. दक्षिण भारत में खनन की दुनिया के बेताज बादशाह और कर्नाटक के पूर्व पर्यटन मंत्री रेड्डी भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण तीन साल जेल में भी रह चुके हैं. पिछले साल वह जमानत पर रिहा हुए थे. रेड्डी अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हैं. अभी तक उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है.
इस खर्चीले शादी की गर्म चर्चाओं के बीच आयकर विभाग के अधिकारियों ने बेल्लारी में उनकी खनन कंपनी पर रेड मारी थी. बेल्लारी बेंगलुरु से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसी बीच रेड्डी के अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. रेड्डी से शादी में हुए खर्च की रकम की विस्तृत जानकारी मांगी गई. रेड्डी ने कहा कि उन्होंने शादी में खर्च करने के लिए बेंगलुरु और सिंगापुर में अपनी संपत्तियों को गिरवी रखा था. उन्होंने कहा कि संपत्ति गिरवी रखने के बदले उन्हें पैसे शादी की तैयारी के दौरान ही छह महीने पहले मिल गए थे.
हालांकि रेड्डी के इस तर्क से कर्नाटक में ज़्यादातर लोग समहत नहीं हैं. राजनीतिक ऐक्टिविस्ट एस आर हीरेमठ ने कहा कि इस शादी में बेईमानी से हासिल किए गए धन को पानी की तरह बहाया गया. सुप्रीम कोर्ट में हीरेमठ ने रेड्डी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किया है. उन्होंने बीबीसी से कहा कि इस मामले में सच सूर्य और चंद्रमा की मौजूदगी की तरह है.
उन्होंने कहा कि इस शादी में धन का अश्लील प्रदर्शन हुआ है. हीरेमठ ने कहा कि जब लोग दो हजार और चार हजार रुपये के लिए लाइन में घंटो इंतज़ार कर रहे थे, ऐसे में धन का अश्लील प्रदर्शन शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि इस शादी में दो से पांच अरब रुपये खर्च किए गए. एक पुलिस कॉन्स्टेबल के बेटे जनार्दन रेड्डी की धनकुबेर बनने की गति काफी तेज रही है. वह आज की तारीख में कर्नाटक के सबसे अमीर शख्स हैं. जनार्दन रेड्डी के पास जितनी संपत्ति है उतने ही उनके जीवन में विवाद भी हैं.
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस संतोष हेगड़े कर्नाटक के लोकायुक्त भी रह चुके हैं. हेगड़े ने 2007 से रेड्डी के अवैध खनन की जांच की थी. उन्होंने बीबीसी से कहा कि रेड्डी ने अपनी ताकत का गलत तरीके से इस्तेमाल किया.
हालांकि रेड्डी इस बात से इनकार करते हैं कि उन्होंने कुछ भी ग़लत किया है. 2011 में जस्टिस हेगड़े ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में उन्होंने बताया था कि कर्नाटक के बढ़िया गुणवत्ता वाले लौह अयस्कों को अवैध तरीके से निकाल रेड्डी ने चीन को 6,500 से 7,000 रुपये प्रति टन की कीमत पर बेचा जबकि राज्य को महज 27 रुपये का राजस्व मिला.
जांच रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक़ इस अवैध खनन से सरकार को 161 अरब रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा. जस्टिस हेगड़े ने कहा कि इस पूर्व मंत्री के पास बेंगलुरु में बड़ी संख्या में इमारत और अपार्टमेंट्स हैं. इसके साथ ही इनके पास ऑफशोर अकाउंट्स भी हैं.
आंध्र प्रदेश में जन्मे जर्नाद्धन रेड्डी कॉलेज की पढ़ाई से दूर रहे. 90 के दशक में रेड्डी ने चिट फंड बिज़नेस की शुरुआत की थी. हालांकि तब इनकी कंपनी नाकाम रही थी. इसके बाद रेड्डी ने खनन की दुनिया में ठेकेदारी का काम शुरू किया था.
पहली बार जनार्दन रेड्डी 1999 के आम चुनाव में सुर्खियों में आए. तब उन्होंने बेल्लारी से वर्तमान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था. जस्टिस हेगड़े ने बताया कि जनार्द्धन रेड्डी अपने दो भाइयों जी करुणाकर रेड्डी और जी सोमशेखर रेड्डी के साथ मिलकर बेल्लारी को निजी मिल्कियत की तरह चलाते हैं.
जब खनन स्कैंडल सामने आया तो तीन में से दो भाई राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. जस्टिस हेगड़े ने अपनी रिपोर्ट में एक चैप्टर का टाइटल ‘मिस्टर रेड्डी द रिपब्लिक ऑफ बेल्लारी’ दिया है. हेगड़े ने कहा कि यहां कोई क़ानून काम नहीं करता है.
हेगड़े ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रेड्डी ने अवैध खनन में राज्य की सीमाओं को तहस नहस कर दिया. रेड्डी ने इसमें प्राचीन मंदिरों को ध्वस्त किया. जांच रिपोर्ट में रेड्डी के जुर्म की लंबी फेहरिस्त है.
जस्टिस हेगड़े की रिपोर्ट के आधार पर ही सितंबर 2011 में रेड्डी को गिरफ़्तार किया गया था. रेड्डी ने अपनी बेल के लिए सारी कोशिश की थी. ऐसा कहा जाता है कि जमानत के लिए उन्होंने जज को रिश्वत देने की भी कोशिश की थी. इस मामले में पैसे जब्त किए गए और तीन जजों को गिरफ़्तार भी किया गया था. इसे कैश फॉर बेल स्कैम कहा गया.
इन आरोपों पर रेड्डी ने कुछ भी नहीं कहा था. रेड्डी को अंततः पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बेल मिल गई. हालांकि उन्हें बेल्लारी से बाहर रहने के लिए कहा गया. उन्हें कोर्ट ने बेटी की शादी में बेल्लारी जाने की अनुमति दी थी.
इस खर्चीले शादी के कारण जनार्द्धन रेड्डी फिर से चर्चा में आए. इस वजह से अन्य स्कैंडल भी सामने आए. इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु के एक ब्यूरोक्रट के ड्राइवर रमेश गौड़ा ने ख़ुदकुशी कर ली. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में मौत के लिए रेड्डी को जिम्मेदार ठहराया था.
गौड़ा ने आरोप लगाया था कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी क्योंकि उनके पास रेड्डी से जुड़ी एक अहम सूचना थी कि उन्होंने एक अरब काले धन को शादी में कैसे इस्तेमाल किया. हालांकि रेड्डी इस आरोप पर भी चुप रहे.