नई दिल्ली । नोटबंदी के इस दौर में कैशलेस भुगतान करने का एक सच यह भी है कि आप नकदी बचाकर हकीकत में ज्यादा खर्च कर बैठते हैं. डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिए भुगतान करने पर लोगों को ज्यादा देने होते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विराग गुप्ता कहते हैं, “यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर रहे हैं या डेबिट कार्ड से. कार्ड कौन सी कंपनी मुहैया करा रही है और उसने बिज़नेस प्लेटफॉर्म से किस तरह का करार कर रखा है.”
कैशलेस की अपील से प्रभावित होकर नेशनल पेंशन स्कीम में 5000 रुपए ऑनलाइन जमा कराने पर अमित को 57 रुपये का झटका लगा. वे चाहते तो एनपीएस के किसी सेंटर पर जाकर ये पैसा बचा सकते थे.
एक ओर जहां सरकार लेन-देन के कैशलेस तरीके को बढ़ावा देते हुए दिख रही है, वहीं डिजिटल भुगतान करने वाले को इस पर ट्रांजैक्शन चार्ज, सर्विस चार्ज, सर्विस टैक्स, स्वच्छ भारत सेस और कृषि कल्याण सेस जैसे अतिरिक्त खर्चे ऊपर से देने होते हैं. हालांकि अभी सरकार ने सर्विस टैक्स को लेकर तात्कालिक राहत दे रखी है.
आईआरसीटीसी ने भी 30 दिसंबर तक के लिए हर टिकट पर होने वाली अपनी कमाई छोड़ रखी है. 23 नवंबर से पहले आईआरसीटीसी को स्लीपर क्लास की टिकट पर 20 रुपये और एसी दर्जे में 40 रुपये की कमाई होती थी.
लेकिन सवाल उठता है कि ये राहत और ये छूट कब तक के लिए है.
विराग गुप्ता कहते हैं, “सरकार, बैंक और कार्ड सर्विस देने वाली कंपनियां फिलहाल कई तरह के छूट दे रही हैं लेकिन यह अभी साफ नहीं है कि ये डिस्काउंट सिर्फ 30 दिसंबर तक जारी रहेंगे या फिर उसके बाद भी.”
ठीक ऐसे ही स्थिति मूवी टिकट को लेकर भी है और पेट्रोल पंप पर तेल भराने के वक्त कैशलेस का विकल्प चुनने वाले ग्राहक को भी कई बार ये पता नहीं होता कि दरअसल वे वाजिब से कितनी ज्यादा रकम चुका रहे हैं.
275 रुपए का मूवी टिकट ऑनलाइन बुक कराने के लिए किसी ग्राहक को 309 रुपए तक चुकाने पड़ते हैं और पेट्रोल पंप पर कार्ड से भुगतान करने पर 10 रुपए या बिल का 2.5 फीसदी और देना होता है (इनमें से जो भी ज्यादा हो).
विराग गुप्ता इसके एक और पहलू की तरफ ध्यान दिलाते हैं. ऑनलाइन कैशलेस भुगतान में इंटरनेट डेटा का खर्च भी आता है, जिसकी कीमत कोई नहीं जोड़ रहा है.
वे कहते हैं, “सामान्य खरीदारी में लोगों के पास मोलभाव का विकल्प होता है, आप बाद में भुगतान का वादा करके सामान उधार ले सकते हैं. कैशलेस या ऑनलाइन पेमेंट आप को इनमें से कोई विकल्प नहीं देता.”