जनजीवन ब्यूरो
ओटावा। भारत और कनाडा ने आज एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया। इसके तहत कनाडा इस साल से भारत को अगले पांच वर्षों तक यूरेनियम की आपूर्ति करेगा। रूस और कजाकिस्तान के बाद कनाडा तीसरा देश है जो भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस निर्णय को द्विपक्षीय सहयोग एवं परस्पर विश्वास के नए युग की शुरुआत बताया है। मोदी पिछले 42 सालों में भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जो कनाडा के दौरे पर आए हैं। मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के बीच विस्तृत बातचीत के बाद बुधवार हुए समझौते के तहत कैमिको कॉर्पोरेशन भारत को तीन हजार मीट्रिक टन यूरेनियम की आपूर्ति करेगा जिसकी अनुमानित कीमत 25.4 करोड़ डॉलर होगी। उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि आपूर्ति की शुरुआत इस वर्ष से होगी।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी (आईएईए) के सुरक्षा मानकों के मुताबिक ये आपूर्ति होगी। हार्पर ने मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कनाडा ने अगले पांच वर्षों तक भारत को यूरेनियम मुहैया कराने का निर्णय किया है।’ मोदी ने कहा, ‘हमारे असैन्य परमाणु उर्जा संयंत्रों के लिए कनाडा से यूरेनियम खरीदने का समझौता द्विपक्षीय संबंधों में एक नए युग की शुरुआत है और परस्पर विश्वास का यह नया स्तर है।’ उन्होंने कहा, ‘समझौता से भारत अपनी स्वच्छ ऊर्जा को आगे बढ़ा सकेगा।’
कनाडा ने 1970 के दशक में भारत को यूरेनियम एवं नाभिकीय हार्डवेयर के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। बहरहाल, दोनों देशों ने वर्ष 2013 में कनाडा-भारत परमाणु सहयोग समझौता कर एक नई शुरुआत की थी जिससे यूरेनियम समझौते का मार्ग प्रशस्त हुआ। मोदी ने कहा कि कनाडा में भारत के राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकता में मुख्य भागीदार बनने की क्षमता है।