जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पांच राज्यों के चुनावों में जीत के लिए कार्यकर्ताओं को बूथ जीतने का मंत्र दिया। साथ ही नेताओं को आगाह किया कि वे अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट न मांगे।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार को गरीबों के कल्याण की सरकार करार देते हुए गरीबों की सेवा को ही प्रभु सेवा करार दिया है। उन्होंने नोटबंदी को कालाधन की समाप्ति और सुशासन का दीर्घकालिक फैसला करार देते हुए गरीब जनता से मिले प्रतिसाद की जमकर सराहना भी की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले चुनाव में भाजपा व राजग के पक्ष में स्थितियां बनी हुई हैं। कार्यकर्ताओं को बूथ पर मेहनत करनी होगी। अगर बूथ जीत लिया तो चुनाव जीतना तय है। इसके लिए उन्होंने उदाहरण भी दिया कि आंधी कितनी भी तेज क्यों न हो, साइकिल के ट्यूब में उसे लेकर केवल खड़े होने से हवा नहीं भर जाती है। इसके लिए पंप चाहिए होता है और यह पंप बूथ होता है। हाल में पार्टी में कई नेताओं व सांसदों की तरफ से अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट दिए जाने की सिफारिश पर भी प्रधानमंत्री ने कड़े तेवर दिखाए और कहा कि आगे से कोई भी नेता इस तरह की सिफारिश न करे।
लगभग पचास मिनट के समापन भाषण में प्रधानमंत्री अधिकांश समय गरीबों से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहे। उन्होंने पुराण के एक श्लोक का भी जिक्र किया जिसका उल्लेख अक्सर महात्मा गांधी भी किया करते थे। इसके अनुसार न मुझे राज्य की कामना है, न स्वर्ग की इच्छा है और न ही पुनर्जन्म की आकांक्षा, बस एक ही कामना है कि जो दुखी हैं उनके कष्ट का निवारण करने में जुटे रहें। मोदी ने कहा कि वे खुद गरीबी में जन्मे हैं और गरीबी को जिया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि आलोचनाओं का स्वागत करें और आरोपों से न घबराएं। हमारे अंदर की सच्चाई और संकल्प हमें अच्छाई के रास्ते पर हमेशा आगे बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता हवा में बहते नहीं हैं, बल्कि हवा का रुख मोड़ते हैं।
नोटबंदी को गरीब कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम बताते हुए मोदी ने कहा कि गरीबी की सबसे बड़ी वजह भ्रष्टाचार है और मुद्रा का अनियंत्रित प्रसार भ्रष्टाचार की जननी है। बेनामी संपत्ति को सबसे ज्यादा मजबूती नगदी से मिलती है। यही वजह है कि गरीब लोगों ने नोटबंदी को स्वीकारा है। इन दो माह में उन्हें देश की समाज शक्ति के दर्शन हुए हैं। गरीब और गरीबी हमारे लिए चुनाव जीतने का माध्यम नहीं है। भाजपा इन दोनों को वोट बैंक के चश्मे से नहीं देखती है। उन्होंने साफ किया कि गरीबी को परास्त करने की ताकत गरीबों के पास ही है और उनकी सरकार गरीबों की ताकत बढ़ा रही है। कार्यकर्ता गरीबों के लिए कार्यक्रम बूथ स्तर तक लेकर जाएं। उन्होनें कहा कि कुछ लोग लाइफ स्टाइल की चिंता करते हैं। उनको इस पर आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार की चिंता गरीबों की गुणवत्ता वाले जीवन स्तर को लेकर है।
प्रधानमंत्री ने चुनाव सुधारों की चर्चा करते हुए कहा है कि देश में पारदर्शिता का माहौल है। राजनीति में भी पारदर्शिता लानी पड़ेगी। राजनीतिक चंदे में शुचिता और पारिदर्शिता आनी चाहिए। इसके लिए सभी दल आगे आएं, भाजपा अपनी सक्रिय भूमिका निभाएगी।