जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । सत्ता में नेता कैसे कैसै संपत्ति बनाते हैं इसका ताजा उदाहरण सामने आया है. बीएसपी सुप्रीमो के भाई आनंद कुमार की संपति साल 2007 से साल 2014 के बीच 7.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,316 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. ये वो वक्त था जब मायावती यूपी की सीएम थीं.
अंग्रेज़ी चैनल टाइम्स नाउ ने ऐसे दस्तावेज हासिल करने का दावा किया है जो आनंद कुमार की इस हैरतअंगेज़ तरक्की पर रोशनी डालते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कुमार ने कई फर्ज़ी कंपनियां बनाकर करोड़ों के लोन हासिल किये और रियल स्टेट में बड़े पैमाने पर निवेश किया. इस हेरफेर की एक बड़ी मिसाल आकृति होटल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बताई जा रही है. कुमार इस कंपनी में डिबेंचर शेयरहोल्डिंग के जरिए बड़े हिस्सेदार हैं.
दस्तावेज बताते हैं कि दिल्ली से चलने वाली इस कंपनी के तीन निदेशक हैं. इसके अलावा कंपनी के 37 अन्य हिस्सेदार हैं. लेकिन इनमें से कई हिस्सेदार कंपनियां महज कागजों तक सीमित हैं.
मसलन भास्कर फंड मैनेजमेंट लिमिटेड, क्लिफटन पियरसन एक्सपोर्ट एंड एजेंसी, डेल्टन एग्ज़िम प्राइवेट लिमिटेड और गंगा बिल्डर्स लिमिटेड नाम की कंपनियों के पास आकृति होटल के 5,00,150 शेयर हैं. तीनों कंपनियों ने कोलकाता के महेशतला में एक ही पता दर्ज करवाया है. इन कंपनियों के डायरेक्टर भी एक ही हैं. लेकिन चैनल ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस जगह पर इनमें से किसी भी कंपनी का कोई दफ्तर था ही नहीं. आकृति होटल की एक और शेयरहोल्डर कंपनी नोवल्टी ट्रेडर्स गुवाहाटी के हरिबोल मार्केट के पते पर रजिस्टर्ड है. लेकिन ये एड्रेस भी फर्जी निकला. खबर के मुताबिक देश भर में इसी तरह की सात नकली कंपनियों को खोज निकालने का दावा किया है, जिनके आकृति होटल में शेयर हैं.
आकृति होटल्स में कई कंपनियों-भास्कर फंड मैनेजमेंट लिमिटेड, क्लिफ्टन पियरसन एक्सपोर्ट ऐंड एजेंसीज, डेल्टन एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, गंगा बिल्डर्स लिमिटेड की हिस्सेदारी है। इनके पास कुल 5,00,150 शेयर हैं। टाइम्स नाउ ने पाया कि ये कंपनियां कोलकाता के महेशताला स्थित एक ही बिल्डिंग से ऑपरेट करती हैं। तीनों के डायरेक्टर भी एक हैं। जांच करने पर यह भी पाया गया कि इस लोकेशन पर ऐसा कोई ऑफिस नहीं है।
इसी तरह का पैटर्न आकृति होटल्स के अन्य शेयरहोल्डर्स मसलन-नॉवल्टी ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड और हरिबोल मार्केट गुवाहाटी के तौर तरीकों में भी नजर आया। मौके पर जाने पर पता चला कि बताए गए एड्रेस पर कोई कंपनी मौजूद नहीं थी। बता दें कि नॉवल्टी ट्रेडर्स के आकृति होटल्स में 27 हजार शेयर हैं। टाइम्स नाउ ने भारत भर में फैली ऐसी सात कंपनियों के बारे में पता लगाया और सारी में एक कॉमन चीज पाई। ये सारी कंपनियां न केवल कागजों पर ही मौजूद हैं, बल्कि पैसों के लेनदेन को लेकर इनका तौर-तरीका एक सा है।
सरकार में मौजूद सूत्रों ने टाइम्स नाउ को बताया कि इन खुलासों के आधार पर एजेंसियां इन कागजी कंपनियों और इनकी डील्स की जांच कर रही हैं। बता दें कि हाल ही में आनंद कुमार उस वक्त खबरों में आ गए थे, जब ईडी ने मायावती के भाई के अकाउंट में 1.43 करोड़ और बीएसपी से जुड़े एक खाते में 104 करोड़ रुपये जमा होने का पता लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक, ये पैसे 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद खातों में जमा किए गए। इस बात का भी शक जताया गया है कि बीएसपी और मायावती के भाई के खातों में हवाला लेनदेन के जरिए पैसा पहुंचा।