जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । जैसे जैसे यूपी के सीएम अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच दूरियां कम होती जा रही है वैसे वैसे तमाम दलों की नजर उधर ही जा रही है. यूपी चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन की बात लगभग फाइनल हो चुकी है और कभी भी इसका ऐलान हो सकता है. सपा कांग्रेस को 90 सीटें देने को राजी है हालांकि, कांग्रेस अपने लिए 100 से अधिक सीटें मांग रही है. अखिलेश खुद इस ग्रांड एलायंस का स्वरूप तैयार कर रहे हैं.
कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन को लेकर जल्द बात पूरी हो जाने की उम्मीद जताई. अखिलेश यादव कांग्रेस को 80 से 85 सीटें देना चाहते हैं वहीं कांग्रेस अपने लिए 100 का आंकड़ा पार करना चाहती है. यूपी विधानसभा चुनाव में 403 सीटें हैं. अगर कांग्रेस सपा के इस फॉर्मूले पर राजी होती है तो फिर सपा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी की कई सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है.
अखिलेश यादव कांग्रेस को 80 से 85 सीटें देना चाहते हैं वहीं कांग्रेस अपने लिए 100 सीटें चाहती है. सूत्रों के अनुसार पहले दो चरणों के लिए 30 सीटों को सपा ने कांग्रेस के लिए मंजूर किया है. समाजवादी पार्टी आरएलडी को 21 सीटें देने को राजी है. रामगोपाल यादव लखनऊ में हैं और अखिलेश और बाकी नेताओं के साथ मिलकर गठबंधन के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. बुधवार को कांग्रेस की चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में गठबंधन के स्वरूप पर चर्चा होगी.
दरअसल यूपी की 403 सीटों में से कांग्रेस पार्टी चाहती है कि गठबंधन ऐसा हो कि कांग्रेस की नाक न कटे. यही वजह है कि वह 100 के फिगर पर अभी हुई अड़ी हुई है. मगर सपा 85 से 88 सीट कांग्रेस को देने की बात कर रही है. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी चाहते थे कि कांग्रेस पार्टी को डेढ़ सौ सीटें मिले पर इससे अंजाम देने के लिए फैसला प्रियंका के हाथ छोड़ दिया.
अब दोनों में फाइनल आकड़ों को लेकर जिरह चल रही है. सूत्रों ने बाताया के फेज़-1 और फेज़ 2 की सीटों पर लगभग सहमति बन गई है. कांग्रेस को इसमें 30 सीटें मिल रही हैं. मगर मुस्लिम बहुल्य और सियासी तौर पर निर्णायक माने जानेवाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सपा इतनी आसानी से छोड़ना नहीं चाहती. पहले ही सपा लगभग 21 सीटें अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल को देने का वादा कर चुकी है. इसलिए दोनों गुट एक-दूसरे पर दबाव बना रहे हैं.
कांग्रेस के साथ गठबंध पर बातचीत के अलावा सपा के अंदर भी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. मंगलवार को मुलायम सिंह ने मुलाकात के दौरान अखिलेश को 38 नेताओं की एक लिस्ट सौंपी थी. सूत्रों के मुताबिक इसमें शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव का नाम भी शामिल है. हालांकि, अखिलेश को इसपर आखिरी फैसला लेना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश इनमें से कई नामों पर सहमत नहीं हैं. लखनऊ कैंट से मुलायम सिंह की दूसरी बहू अपर्णा यादव का टिकट पक्का हो सकता है तो रामपुर से बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश यादव को भी टिकट मिल सकता है. हालांकि, शिवपाल के अन्य करीबी नेताओं ओमप्रकाश सिंह, शादाब फातिमा और नारद राय के टिकटों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है.