जनजीवन ब्यूरो
चंडीगढ़ । जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में हुई रेप की घटनाओं को सच मानते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस के विशेष जांच दल से घटना की छानबीन कर दोषियों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। घटना पर संज्ञान लेते हुए चश्मदीदों के बयान के बाद कोर्ट ने वृहस्पतिवार को कहा कि मुर्थल में महिलाओं के अंडर गारमेंट्स मिलना इस बात का प्रमाण हैं कि वहां महिलाओं के साथ दुराचार हुआ है।
फरवरी 2016 में हुए जाट कोटा आंदोलन के दौरान मुरथल में महिलाओं के अन्त:वस्त्र मिले थे। जिनके आधार पर वहां रेप की घटनाओं की संभावना जताई गई थी। कुछ गवाहों के सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। दो गवाहों में से एक ऑटो रिक्शा चालक ने अपने बयान में कहा कि आंदोलन के वक्त उसके ऑटो में सवार महिलाओं को ऑटो से खींच लिया गया था। बाद में पुलिस की भी संदिग्ध भूमिका सामने आई थी। गुरुवार को इस केस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा राज्य पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) को आदेश दिया है कि वह घटना से जुड़े सभी तथ्यों की जांच करे और दोषियों को गिरफ्तार करे, ताकि जनता में पुलिस और कानून व्यवस्था के प्रति भरोसा बना रहे।
सोनीपत की ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए रेप चार्ज को हाई कोर्ट ने बरकार रखा है। इस मामले से जुड़ी खबरें मीडिया में आने के बाद हरियाणा कोर्ट द्वारा पुलिस से जवाब-तलब किए जाने पर पुलिस ने इस घटना की एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। बाद में अंडरगारमेंट्स में मिले सीमन (वीर्य) से इनका ब्लड मैच न होने पर आरोपियों से रेप के चार्जेज हटा लिए गए थे। हाई कोर्ट ने SIT रेप चार्जेज के संबंध में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। साथ ही रेप की धाराओं को जारी मानते हुए ही आगे जांच जारी रखने के आदेश दिए हैं। केस से जुड़े सीनियर ऐडवोकेट अनुपम गुप्ता ने SIT की कार्य प्रणाली पर संदेह जताते हुए कहा कि टीम सही भावना के साथ जांच नहीं कर रही है और इनका रवैया बहुत ही अनप्रफेशनल है।