जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू पर किसी तरह की अंतरिम रियायत देने से इनकार करते हुए किसी भी तरह से लाने पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. तमिलनाडु में जलीकट्टू पर रोक के खिलाफ पिछले तीन दिनों से जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच सीएम पनीरसेल्वम ने एक बड़ा ऐलान किया है. तमिलनाडु के सीएम पनीरसेल्वम ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार इस बारे में जल्द ही अध्यादेश लाएगी. पनीरसेल्वम ने कहा कि इसका ड्राफ्ट गृह मंत्रालय के पाश भेजा गया और एक-दो दिन में इसे जारी कर दिया जाएगा.
सीएम ने लोगों से प्रोटेस्ट खत्म करने की अपील की है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में ये मामला है और पहले अदालत ने इस पर बैन लगा दिया था. मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया था.
तमिलनाडु के सीएम पनीरसेल्वम ने कहा कि इस बारे में संशोधन को लेकर संविधान विशेषज्ञों से बात की गई है. ड्राफ्ट को लेकर केंद्र के साथ बात करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लगाया गया है. राज्य में जलीकट्टू की अनुमति देने के लिए अध्यादेश पर जल्द ही फैसला हो जाएगा.
चेन्नई से लेकर दिल्ली तक जंग
सांडों की लड़ाई यानी जलीकट्टू को तमिलनाडु में आस्था के साथ जोड़कर देखा जाता है और यहीं कारण है कि इस पर अदालत की ओर से लगी रोक के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं. पिछले चार दिनों से चेन्नई के मरीना बीच पर भारी संख्या में लोग जमा होकर रोक का विरोध कर रहे हैं. तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों और दिल्ली में भी विरोध हो रहा है.
समर्थन में विपक्ष का रेल रोको
जलीकट्टू के समर्थन में राज्यभर में हो रहे प्रदर्शनों के साथ अब विपक्षी दल भी मैदान में कूद पड़े हैं. विपक्षी डीएमके ने राज्य में रेल रोको का आह्वान किया है. डीएमके के कार्यकारी प्रेसिडेंट एम. के. स्टालिन ने मंबलम रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लिया.
पीएम से भी मिले थे पनीरसेल्वम
गुरुवार को तमिलनाडु सीएम पनीरसेल्वम ने इस मामले में अध्यादेश जारी करने की मांग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी लेकिन पीएम ने कहा कि ये मामले न्यायालय में लंबित है इसलिए इसपर अभी कुछ नहीं किया जा सकता. सीएम पनीरसेल्वम ने पीएम से मुलाकात के बाद ऐलान किया था कि जल्द ही अच्छी खबर आएगी.