जनजीवन ब्यूरो
कानपुर: नवंबर 2016 में यूपी के कानपुर में हुई रेल दुर्घटना के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें से एक आरोपी ने स्वीकार किया है कि ट्रैक पर ब्लास्ट करने की वजह से दुर्घटना हुई है. इस हादसे के पीछे पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी ISI के हाथ होने की शंका है. यूपी के आंतकरोधी दस्ते (ATS) ने गुरुवार को कहा कि आरोपी मोतीलाल पासवान ने स्वीकार किया है कि उसने प्रेशर कूकर में बारूद भरकर उसे ट्रैक पर बिछाया था. बता दें कि पिछले साल नवंबर में इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर से 100 किमो दूर ट्रैक से उतर गई थी जिसमें 150 लोग मारे गए थे.
बताया जा रहा है कि मोतीलाल पासवान ने कबूल किया है कि एक 10 लीटर के प्रेशर कूकर को IED यानि एक विस्फोटक डिवाइस के रूप में तैयार किया गया था. 20 नवंबर को हादसे के बाद प्रशासन को इस बात का शक था कि यह सब ट्रैक में हुई गड़बड़ी की वजह से हुआ है.
इस हफ्ते मोती पासवान, उमा शंकर पटेल और मुकेश यादव को बिहार के पूर्व चंपारन जिले से हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान इन तीनों ने स्वीकार किया कि ISI के कहने पर इन्होंने भारतीय रेलवे को निशाना बनाया. एटीएस ने कहा कि वह दुर्घटनास्थल पर एक बार फिर फोरेंसिक जांच करेंगे.
एटीएस ने यह भी बताया कि मोतीलाल पासवान का दावा है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 28 दिसंबर को कानपुर देहात में भी एक और दुर्घटना को अंजाम दिया था. इस ऑपरेशन में 7 लोग शामिल थे और इसके मास्टरमाइंड का नाम बृज किशोर गिरी था जिसे हाल ही में नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था और इस वक्त वह अस्पताल में भर्ती है. एटीएस का कहना है कि वह बयान की पुष्टि कर रहे हैं.
इसके अलावा एटीएस ने यह भी कहा है कि 25 लाख रुपये के खर्चे पर इस हादसे का अंजाम देने वाले शख्स का नाम शमशुल हुडा है जिसके ISI से लिंक हैं और वह दिल्ली में रहता है. उसी के कहने पर बृजकिशोर गिरी और बाकी के लोगों ने ट्रैक पर IED बिछाया था. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों का कहना है कि बृजकिशोर गिरी ने इस काम के लिए इन सबको पैसे दिए थे.