जनजीवन ब्यूरो
न्यूयार्क । अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी संभालते ही ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ का नारा दिया। बतौर राष्ट्रपति अपने पहले संबोधन भाषण में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनका प्रशासन अमेरिकी नौकरियों में स्थानीय लोगों को तवज्जो देगा। इससे H-1B वीजा पर अमेरिका में काम करने वाले लाखों भारतीयों को गहरा झटका लग सकता है। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद दिए भाषण में ट्रंप ने कहा, ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन।’ मतलब साफ है कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी कंपनियों पर स्थानीय लोगों की भर्ती के लिए दबाव बनाएगा। साथ ही, वहां अमेरिकी कंपनियों के प्रॉडक्ट्स की खरीदारी को बढ़ावा मिलने जा रहा है।
इससे पहले अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट के सदस्य चक ग्रैसले और डिक डर्बन ने कहा कि वो H-1B वीजा देने में अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विदेशियों को प्राथमिकता दिए जाने का प्रस्ताव करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे विदेशियों को कम वक्त का वीजा जारी करने के कार्यक्रम के बारे में नया कानून बनाने का प्रस्ताव करेंगे। दोनों सांसदों ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों के तहत अमेरिका के नागरिकता एवं आव्रजन विभाग को H-1B वीजा जारी करते समय अमेरिकी संस्थानों में शिक्षित-प्रशिक्षित ‘सबसे तेज एवं प्रतिभाशाली’ विद्यार्थियों को प्राथमिकता देनी होगी।