जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । भटक कर पाकिस्तान जाने वाले भारतीय सैनिक चंदू चव्हाण देश लौट गए हैं. जिसके बाद चंदू चव्हाण के गांव में जश्न का माहौल है.पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही चंदू चव्हाण ‘लापता’ बताए जा रहे थे. चंदू के गांव के लोग लोग आतिशबाजी कर रहे हैं, मिठाइयां बांट रहे हैं और एक दूसरे से गले मिल रहे हैं.
चंदू 37 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान हैं और महाराष्ट्र के धुले के रहने वाले हैं. उनके नाना सीडी पाटिल बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि गांव का बेटा वापस आ रहा है, इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती.
उन्होंने इसके लिए सरकार को धन्यवाद कहा है. पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने उन्हें चंदू की रिहाई का भरोसा दिया था और अब चंदू वापस आ रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि चंदू की नानी की मौत के बाद उनकी अस्थियां नदी में विर्सजित नहीं की गई हैं. नानी की इच्छा थी कि यह काम चंदू ही करें. अब उनकी यह इच्छा पूरी हो सकेगी.
रक्षा राज्यमंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे से बात होने के बाद उन्हें तसल्ली हुई कि पाकिस्तान ने चंदू को रिहा कर दिया है. वे जल्द ही गांव लौट आएंगे.
भूषण ने अपने गाँव वालों, तमाम देशवासी, रक्षा राज्य मंत्री डॉ भामरे, भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार को शुक्रिया अदा किया है. चव्हाण भारत प्रशासित कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात थे. बयान में कहा गया है कि उन्हें वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा.
पाकिस्तान का दावा है कि चंदू चव्हाण ने 29 सितंबर 2016 को जानबूझकर नियंत्रण रेखा पार की थी और बाद में पाकिस्तान सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.
लेकिन, भारत का कहना है कि चंदू ग़लती से नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी क़ब्ज़े वाले इलाक़े में पहुँच गए थे.
चंदू चव्हाण के नियंत्रण रेखा के पार जाने की ख़बर मीडिया में भारत के कथित सर्जिकल स्ट्राइक के दावे के एक दिन बाद आई थी.