नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के आरक्षण पर बयान से मचे हंगामे के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया पर खुद के आरक्षण समर्थक होने की मुहिम चला दी है.
पार्टी ने पिछले साल मार्च का मोदी का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है.
वैद्य न कहा था कि ऐसा नहीं कि आरक्षण को हमेशा के लिए जारी रहना था.
उनका ये बयान उत्तर प्रदेश समेत पाँच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आया है. विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी को यह कहकर घेरना शुरू कर दिया है कि भाजपा आरक्षण विरोधी है.
ट्विटर और फ़ेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 मार्च 2016 का वीडियो पोस्ट किया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि जब-जब भाजपा की सरकार आती है, आरक्षण खत्म होने की अफ़वाह फैलाई जाती है. अफवाहों पर ध्यान न दें, भाजपा पूरी तरह से आरक्षण के पक्ष में है.
शुक्रवार को जयपुर साहित्य उत्सव में मनमोहन वैद्य ने कहा था, ”आरक्षण का विषय भारत में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिहाज़ से अलग संदर्भ में आया है. इन्हें लंबे समय तक सुविधाओं से वंचित रखा गया है. भीमराव आंबेडकर ने भी कहा था कि किसी भी क्षेत्र में ऐसे आरक्षण का प्रावधान हमेशा नहीं रह सकता. इसे जल्द से ख़त्म करके समान अवसर देना चाहिए. इसके बजाय शिक्षा और समान अवसर देना चाहिए. इससे समाज में भेद का निर्माण हो रहा है.”
आरएसएस विचारक प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने ट्वीट किया, “आरक्षण पर संघ की राय स्पष्ट है. अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण, तब तक आवश्यक है, जब तक कि वे सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हो जाते.”
बिहार चुनाव से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी.