नयी दिल्ली : मंगलवार से शुरु हो रहे बजट सत्र के दौरान संसद के सुचारु संचालन में सभी दलों से सहयोग मांगते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि संसद ‘महापंचायत’ है और चुनाव के समय में मतभेद उभरने के बावजूद इसे सुचारु रूप से काम करना चाहिए. बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बैठक में तृणमूल कांग्रेस को छोडकर सभी दलों ने हिस्सा लिया.नोटबंदी और चिटफंड मामलों में अपने कुछ सांसदों की गिरफ्तारी को लेकर टीएमसी नाराज है.
सरकार ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि बजट निर्धारित समय पर पेश किया जायेगा और इस बारे में विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि इससे कुछ राज्यों में होने वाले चुनाव प्रभावित होंगे. बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों का सहयोग मांगा और कहा कि चुनाव के समय में हमारे बीच कुछ मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं लेकिन संसद महापंचायत है और इसे सुचारु रूप से काम करना चाहिए.
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार को बजट सत्र समय से पहले नहीं बुलाना चाहिए था. कांग्रेस नेता ने 2012 में उत्पन्न ऐसी ही स्थिति का जिक्र किया जब तत्कालीन संप्रग सरकार ने राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बजट सत्र को टाल दिया था. आजाद ने कहा, ‘‘ हमने सरकार से कहा है कि उन्हें बजट सत्र बुलाने के बारे में ऐसी घोषणा से बचना चाहिए था जो पांच राज्यों में चुनाव के दौरान समान अवसर उपलब्ध कराने को प्रभावित करता हो. ‘
कांग्रेस के एक अन्य नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और माकपा महासचिव सीताराम येचूरी ने मांग की कि बजट सत्र के पहले हिस्से में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा करायी जानी चाहिए. येचूरी ने कहा कि हमने सरकार को बताया है कि नोटबंदी के मुद्दे पर दो दिनों तक चर्चा करायी जानी चाहिए क्योंकि सरकार के इस कदम के कारण पूरे भारत के लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक फरवरी को बजट पेश करना अवैज्ञानिक है क्योंकि इसमें तीसरी तिमाही के आंकड़ों पर विचार नहीं किया जा सकेगा जो फरवरी के मध्य तक आती है.
सीताराम येचूरी ने कहा कि एक फरवरी को बजट पेश करना अवैज्ञानिक है क्योंकि इसमें तीसरी तिमाही के आंकडों पर विचार नहीं किया जा सकेगा जो फरवरी के मध्य तक आती है. कोलकाता में लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक कल्याण बनर्जी ने कहा कि कल से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले दो दिनों के दौरान उनकी पार्टी के सांसद सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे जब राष्ट्रपति का अभिभाषण और बजट पेश किया जायेगा. पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की अध्यक्षता में तृणमूल संसदीय पार्टी की बैठक के बाद बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ नोटबंदी के विरोधस्वरुप बजट सत्र के पहले दो दिन तृणमूल सांसद संसद में उपस्थित नहीं रहेंगे क्योंकि नोटबंदी को संसद को विश्वास में लिये बिना लागू किया गया है. ‘