जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । आर्थिक समीक्षा जारी होने से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की आर्थिक स्थिति के बारे में एक पुस्तिका जारी करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है। रोजगार घट रहा है। निवेश कम हुआ और निर्यात में भी गिरावट आई है।
‘द रियल स्टेट ऑफ इकोनॉमी 2017, ए कंपरिहेंसिव मिड टर्म इकोनॉमिक एनालिसिस ऑफ मोदी गर्वमेंट’ पुस्तिका जारी करते मनमोहन सिंह ने कहा कि रेटिंग एजेसिंया लगातार अर्थव्यवस्था के बारे में आगाह कर रही है। ऐसे में यह सोचना जरुरी है कि अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर लाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
इस मौके पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मंगलवार को सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत दिखाने की कोशिश करेंगी। पर कांग्रेस ने इस पुस्तिका के जरिए लोगों के सामने सच्चाई पेश की है। यूपीए सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दस वर्ष की औसत विकास दर 7.5 फीसदी थी। पर मौजूदा सरकार इसे बरकरार रखने में विफल रही है।
चिदंबरम ने कहा कि मौजूदा सरकार के ढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में रोजगार के अवसर घटे हैं। निजी पूंजी का निवेश नहीं हो रहा है। आधारभूत ढ़ांचा क्षेत्र में निवेश घट रहा है। सरकार प्रतिदिन 30 किमी सड़क बनाने का दावा कर रही है, पर हकीकत में यह छह किमी है। सरकार बुलेट ट्रेन की बात कर रही है, पर रेल के पटरी से उतरने की घटनाएं बढ़ी हैं।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सामाजिक कल्याण की योजनाओं के आवंटन में कटौती नहीं करने की मांग की है। पी.चिदंबरम मे कहा कि नोटबंदी के बाद मनरेगा की मांग में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसलिए, सरकार को बजट में सामाजिक कल्याण की योजनाओं में आवंटन बढ़ाना चाहिए। साथ ही अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए घाटा कम करने पर भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि, सरकार घाटा कम करने का लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रही है।