रायपुर । भारत में बीते 54 साल से फंसे पूर्व चीनी सैनिक वांग छी ने उम्मीद जताई है कि वे जल्द ही चीन जा सकेंगे. चीनी दूतावास के अधिकारियों ने वांग छी से मुलाकात कर उन्हें मदद करने का भरोसा दिलाया है.
भारत-चीन लड़ाई के दौरान वांग छी रास्ता भटक कर भारत पंहुच गए. वे गिरफ़्तार हुए, उन पर मुक़दमा चला, उन्हें सज़ा हुई. सज़ा पूरी होने के बाद वे यहीं बस गए, भारतीय महिला से शादी की और अब अपने भरे पूरे परिवार के साथ रहते हैं.
पूर्व चीनी सैनिक का कहना था, “चीनी दूतावास के अधिकारी मेरी खोज ख़बर लेने, मेरा हाल जानने के लिए मेरे घर आए थे. उन्होंने कहा कि वे मुझे लेकर काफ़ी फ़िक्रमंद हैं. वे भारत सरकार से बात करेंगे. यदि भारत सरकार ने चीन जाने की इजाज़त दे दी और उससे जुड़े काग़ज़ात दे दिए तो वे मुझे चीन भेज देंगे.”
1962 की लड़ाई के बाद वांग छी भारत में पकडे गए थे और फिर कभी चीन नहीं जा सके.
चीनी दूतावास के काउंसलर यान शियाओचे जब वांग छी से मिलने उनके घर गए तो उनके साथ दूतावास के कई दूसरे कर्मचारी और चीनी मीडिया के कुछ पत्रकार भी थे.
कांउसलर अपने साथ चीनी नव वर्ष के मौके पर उपहार के रूप में तरह तरह के खाने पीने की चीजें और कपड़े वगैरह भी ले गए थे.
दूतावास के एक दूसरे अधिकारी ने कहा, “भारत में इतने साल रहते हुए वांग छी को स्वादिष्ट चीनी खाना पाने में काफ़ी दिक़्क़तें हुई होंगी. इसलिए, हम उनके लिए ये खाना भी लेते आए”.
उन्होंने वहां वांग छी के परिवार के सभी सदस्यों से मुलाक़ात की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई.
शियाओचे ने कहा कि भारत और चीन के बीच बेहद अच्छे रिश्ते हैं और दोनों देश मिल कर इस मामले को निपटा लेंगे. चीनी अधिकारी वांग छी के घर पंहुचे तो वहां मजमा लग गया. आस पड़ोस के काफ़ी लोग इकट्ठा हो गए.
उन लोगों ने इस बात पर खुशी जताई कि कई साल बाद ही सही, लेकिन चीन ने वांग छी की खोज ख़बर ली.
वहां तरह तरह की अफ़वाहें भी उड़ने लगीं. कुछ लोग यह भी कहने लगे कि वांग छी को लाखों रुपए मिले हैं और वे अब अपनी बची खुची ज़िंदगी मजे से काट सकेंगे.
शियाओचे ने वांग छी को पड़ोसियों से उनका इतने लंबे समय तक ख़्याल रखने के लिए धन्यवाद कहा.
वांग छी की पत्नी सुशीला और उनके बेटे विष्णु ने भी चीनी अधिकारियों के उनके घर जा कर हाल चाल पूछने पर खुशी जताई.