जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच काफी कड़वाहट देखने को मिली.
सोमवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला था. मंगलवार को लोकसभा में मोदी ने राहुल गांधी और खड़गे को जमकर निशाने पर लिया.
खड़गे ने कहा था, ”इंदिरा गांधी ने देश के लिए अपनी जान दे दी थी. प्रधानमंत्री देशभक्ति का दावा नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनकी तरफ से किसी कुत्ते ने भी देश के लिए ऐसा नहीं किया. मंगलवार को मोदी ने विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए कुत्ते वाले प्रसंग का भी जिक्र किया.
‘हर युग में इतिहास को जानने का और इतिहास को जीने का प्रयास आवश्यक होता है. उस समय हम थे या नहीं थे, हमारे कुत्ते थे भी या नहीं थे, औरों के कुत्ते हो सकते हैं. हम कुत्तों वाली परंपरा से पले-बढ़े नहीं हैं.”
दिल्ली में मंगलवार को तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए कहा, ”आख़िरकार भूकंप आ ही गया. धरती मां ग़ुस्से में हैं. मैं सोच रहा था कि भूकंप आया कैसे, क्योंकि धमकी तो बहुत पहले सुनी थी. कोई तो कारण होगा. धरती मां इतनी रूठ गई होंगी.” कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने भूकंप का हवाला देकर राहुल गांधी पर निशाना साधा है. कुछ महीने पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि वह संसद में बोलेंगे तो भूकंप आ जाएगा.
कोई सेवा जैसे सकारात्मक शब्द की तुलना स्कैम से कैसे कर सकता है. राहुल गांधी ने कहा था कि स्कैम उनके लिए सेवा, साहस, क्षमता और मर्यादा है.
इससे पहले लोग पूछते थे कि भ्रष्टाचार में कितने पैसे गए. अब लोग पूछ रहे हैं कि कितने पैसे वापस आए. जब से हमने ऑफिस संभाला तब से लोगों के बीच बहस ऐसे बदल गई है.
यदि आपका शरीर स्वस्थ्य रहता है तभी ऑपरेशन किया जाता है. अर्थव्यवस्था ठीक थी इसीलिए नोटबंदी का फ़ैसला लिया गया. यह बिल्कुल सही वक़्त था.
मेरी लड़ाई ग़रीबों के लिए है और उन्हें हक़ दिलाने के लिए है. यह लड़ाई जारी रहेगी. कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितने बड़े हैं.
नोटबंदी के दौरान एक तरफ देश को लूटने वाले थे और दूसरी तरफ सिस्टम को साफ करने की कोशिश करने वाले लोग.
यहां मेरे जैसे लोग हैं जिनका जन्म आज़ादी के बाद हुआ. यह सही है कि मैंने देश के लिए ज़िंदगी कुर्बान नहीं की, लेकिन आज इसकी ज़रूरत नहीं है. हम देश के लिए ज़िंदा हैं और हमलोग उसे नई ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं.
आप सर्जिकल स्ट्राइक से परेशान हैं. दूसरों के अच्छे काम आप सह नहीं पाते. कभी-कभार देश के बारे में भी सोच लिया करें.