जनजीवन ब्यूरो
चेन्नई। तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) का विवाद हर पल बढ़ रहा है। पार्टी की कार्यकारी महासचिव वी. के. शशिकला को एक के बाद एक झटका लग रहा है। मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को उस समय और ताकत मिली जब दो लोकसभा सदस्य एवं अन्नाद्रमुक प्रवक्ता उनके साथ हो गए जबकि अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला ने परोक्ष चेतावनी दी कि शपथ ग्रहण नहीं होने पर धैर्य जवाब दे रहा है।
पन्नीरसेल्वम को मिल रहा समर्थन-
नेताओं के पार्टी कार्यकर्ताओं के दबाव में आने और शशिकला के विरुद्ध बढ़ती परोक्ष जनभावना के बीच स्कूली शिक्षा मंत्री के पांडियाराजन, सांसद पी आर सुंदरम और के अशोक कुमार सुबह मुख्यमंत्री के धड़े में चले गए। शाम को पार्टी प्रवक्ता एवं एमजीआर मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे सी पोन्नैयन ने भी मुख्यमंत्री को अपना समर्थन दे दिया। पूर्व मंत्री एम एम राजेंद्र प्रसाद भी मुख्यमंत्री खेमे में शामिल हो गए।
मुख्यमंत्री निवास पर पनीरसेल्वम की उपस्थिति में प्रसाद ने कहा, ‘‘पार्टी एवं सरकार का नेतृत्व अच्छे हाथों में होना चाहिए और वह पनीरसेल्वम हैं जिन्हें जयललिता ने तीन बार विश्वासकर मुख्यमंत्री बनाया।’’
विधायकों से मिली शशिकला-
नेताओं के साथ छोड़ने से विचलित शशिकला विधायकों को पाला बदलने से रोकने के प्रयास के तहत यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर एक पर्यटक स्थल पर पहुंची जहां तीन दिनों से उन्हें (विधायकों को) रखा गया है। शशिकला अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुनी गयी थीं। विधायकों के साथ शशिकला की भेंट के बाद पार्टी के प्रेसीडियम चेयरमैन के ए सेंगोट्टैयन ने कहा कि विधायकों ने उनके मुख्यमंत्री बनने तक उनका समर्थन करने का संकल्प लिया।
पन्नीर ने जीता दिल-
स्कूल शिक्षा मंत्री के. पांडियाराजन ने कहा कि अब ये ड्रामा खत्म होने वाला है। पंदियाराजन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यहां एक व्यक्ति है जिन्होंने लोगों का दिल जीत लिया है। अम्मा की विरासत उनके सक्षम कंधों पर रहेगी इसलिए मैं यहां हूं। हम यहां पुरात्ची तलैवी अम्मा के समर्थक के तौर पर है।’’ उन्होंने कहा कि जनभावना के आधार पर पार्टी आगे बढ़ेगी।
शशिकला ने राज्यपाल से मिलने को वक्त मांगा-
इस तरह देखा जाए तो पन्नीरसेल्वम का पलड़ा और भारी हो गया है। इधर शशिकला ने अपने समर्थक विधायकों के साथ तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मिलने का शनिवार को समय मांगा है। शशिकला ने पत्र में राव से कहा, “..स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर, मैं अपने उन सभी विधायकों के साथ आपसे मिलने का समय मांगती हूं, जिन्होंने प्रदेश में नई सरकार के गठन के लिए मुझे अपना समर्थन दिया है।”
तिरूपुर से सांसद सत्यभामा भी पनीरसेल्वम के साथ आ गए हैं। इस बीच शशिकला ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव को पत्र लिखकर उन्हें मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह उनके सामने अपने समर्थक विधायकों की परेड कराने को भी तैयार हैं।
गवर्नर को लिखा खत-
उन्होंने उनसे कहा कि बृहस्पतिवार को उन्होंने इस बात को विस्तार से पेश किया था कि उनके पास पूर्ण बहुमत है और उन्हें सरकार बनाने के लिए निमंत्रित किया जाए। उन्होंने अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुने जाने के प्रस्ताव की प्रति भी उन्हें सौंपी थी। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि राज्यपाल संविधान, लोकतंत्र की संप्रभुता एवं तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठायेंगे।
बेचैन शशिकला-
अपने निवास पर शशिकला ने शपथ ग्रहण में देरी के विरुद्ध परोक्ष चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘निष्पक्षता एवं लोकतंत्र में अपने विश्वास के चलते हम धैर्यशील हैं। हमारे अंदर एक सीमा तक ही धैर्य हो सकता है उसके बाद तो हम तय करेंगे कि हम क्या करेंगे।’’ शशिकला की टिप्पणियों को लेकर उन पर हमला करते हुए राज्यसभा सदस्य डॉ. वी मैत्रियन ने कहा कि तमिलनाडु में कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी की जा रही है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाने की अपील की।
पन्नीरसेल्वम ने शशिकला पर साधा निशाना-
मुख्यमंत्री ने शशिकला एवं उनके परिवार पर प्रहार किया, ‘‘हम काम करे और पार्टी एवं सरकार को एक परिवार के हाथों में फिसलने देने से रोके।’’ उधर शशिकला ने कहा, ‘‘पार्टी एवं सरकार की अगुवाई करना मेरा कर्तव्य है। कुछ लोगों की तिकड़म इस जनांदोलन को नुकसान नहीं पहुंचा सकती जिसमें 1.5 करोड़ समर्थक हैं और समर्थकों की यह सेना अम्मा (जयललिता) छोड़कर गयीं। ’’