जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) से चार बागी नेताओं को निकाले जाने के बाद पार्टी में बगावत और तेज हो गई है। निकाले गए नेताओं में से एक, प्रशांत भूषण के पिता और पार्टी के संस्थापक सदस्य शांति भूषण ने कहा, ‘मैंने केजरीवाल को पहचानने में गलती की। मैंने भी तो स्वराज संवाद सम्मेलन में भाषण दिया था, पार्टी ने मुझे क्यों बाहर नहीं निकाला। केजरीवाल जैसे दिखते हैं वैसे हैं नहीं। उनका असली चेहरा देश के सामने आ गया है। केजरीवाल काठ की हांडी की तरह व्यवहार कर रहे हैं लेकिन उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह आग पर एक बार ही चढ़ती है बार-बार नहीं।’
खाप बन गई है आप: प्रशांत भूषण
प्रशांत भूषण ने कहा है कि आप अब खाप पंचायत की तरह काम कर रही है और पार्टी में एक व्यक्ति की तानाशाही चलती है। भूषण ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘जिन लोगों ने हमें निकाला उनके ही खिलाफ गंभीर आरोप हैं। पार्टी के वे लोग जो इसके संविधान और मूल भावना से खिलवाड़ कर रहे हैं पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की बल्कि हमें ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। पार्टी में जो कुछ हो रहा है उससे हम दुखी हैं। आप अब खाप पंचायत हो गई है जिसमें एक ही लीडर है जो तानाशाह है और बाकी लोग उसकी आज्ञा का पालन करते हैं। पार्टी के कुछ नेताओं ने अपनी शर्म भी ताक पर रख दी है और वे अपने नेता के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।’
सोमवार रात पार्टी की अनुशासन समिति ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और प्रोफेसर आनंद कुमार को भेजे गए शो काउज नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर पार्टी से निकाल दिया था। अजीत झा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उनका जवाब सोमवार को नहीं आया था। लेकिन उन्हें भी निकाले जाने का फैसला सुना दिया गया। निकाले गए सभी नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप प्रमुख रूप से लगाया गया है।
योगेंद्र यादव के मुताबिक राष्ट्रीय अनुशासनात्मक समिति ने उनके और प्रशांत समेत चार नेताओं के खिलाफ एक्शन लेने में जो तेजी दिखाई है, वह इस मामले में किसी एक व्यक्ति की भूमिका को स्पष्ट करती है। वह व्यक्ति कोई और नहीं, केजरीवाल ही हैं। यादव ने कहा, ‘बीते बृहस्पतिवार को मैंने योगेश वाघेला (अनुशासन समिति के सदस्य) को फोन किया था। वह गोवा में थे और बोले कि समिति को अब तक कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। अगले ही दिन हमें नोटिस मिला और जवाब दिए जाने का अल्प समय। आश्चर्यजनक तो ये है कि समिति ने हमारे जवाब पर ठीक से गौर तक नहीं किया।’