जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । चीन ही वह देश है जहा की सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कर्ज ना चुकाने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का आदेश दिया है। इसके बाद कर्जदार ना तो हवाई सफर कर पाएंगे और ना ही बुलेट ट्रेन की सवारी कर पाएंगे। इतना ही नहीं उनके बच्चों को प्राइवेट स्कूल में एडमिशन भी नहीं मिलेगा।
चीन में करीब 67 लाख ऐसे लोग हैं जिन्होंने बैंक या सरकारी संस्थाओं से कर्ज लिया है। साल 2013 में जारी की गई इस ब्लैक लिस्ट में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि लोगों को देश की आर्थिक छवि को सुधारने में मदद करनी चाहिए। कोर्ट के इस आदेश के बाद चीन के कुल 44 संस्थानों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत कर्जदारों पर पाबंदियां लगाई जाएंगी।
ये सुविधा नहीं ले पाएंगे कर्जदार
सुप्रीम कोर्ट ने हवाई सफर पर लगाई रोक, डिफॉल्टर्स बुलेट ट्रेन में नहीं कर सकेंगे सवारी, होटल में रुकना या किराए पर मकान लेने पर रोक, कर्जदारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूल में एडमिशन नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे लोगों के पर्सनल आईडी नंबर ब्लॉक करने का आदेश दिया है।