जनजीवन ब्यूरो
श्रीनगर. खुफिया रिपोर्टों में बताया गया है कि पिछले साल हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से करीब 100 युवक आतंकवाद के रास्ते पर चले गये, जिसकी वजह से सुरक्षा बलों को हाल के वक्त में सक्रिय अभियान शुरु करने पड़े.
जम्मू-कश्मीर में पिछले 50 दिनों में भारतीय सेना के 26 सैनिकों ने शहादत दी है जबकि 22 आतंकी मार गए हैं. 20 सैनिकों की जान हिमस्खलन में गयी. मारे गये आतंकियों का यह आंकडा वर्ष 2010 के बाद सबसे ज्यादा है.
सुरक्षा अधिकारियों ने यहां बताया कि सेना के एक अधिकारी सहित 20 कर्मियों की घाटी में हुए हिमस्खलन में जान चली गयी, जबकि राज्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान छह सैनिक शहीद हुए. इसके बाद 22 आतंकवादी भी मारे गये.
सुरक्षा बलों को हुई हानि में एक मेजर स्तर का अधिकारी भी था, जिसने 14 फरवरी को कुपवाड़ा जिले के हंदवाडा इलाके में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहूति दी. अधिकारियों ने कहा कि उस अभियान में तीन आतंकी मारे गये थे.
उन्होने बताया कि 14 फरवरी को बांदीपुरा जिले के हाजिन इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड में तीन सैनिकों की मौत हुई, जबकि एक चरमपंथी भी मारा गया. इससे पहले 12 फरवरी को कश्मीर के कुलगाम जिले में एक मुठभेड में चार आतंकवादियों को मार गिराया गया. मुठभेड में दो सैनिक शहीद हुए थे. सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी में एक आम नागरिक भी मारा गया, जबकि अभियान खत्म होने के बाद पथराव कर रही भीड़ पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक अन्य व्यक्ति की मौत हुई.