जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 55 साल के अश्विनी मारवाह के शरीर से 30 गुना 25 सेंटीमीटर का ट्यूमर निकाला है। अस्पताल ने दावा किया है कि यह ट्यूमर दुनिया का सबसे बड़ा ट्य़ूमर है । अश्विनी टाइप 2 डायबिटिज़ मेलिटस (टी2डीएम) और हाइपटेंशन से भी पीड़ित थे। इसकी वजह से बैरियाट्रिक सर्जरी की गई। ट्यूमर पूरी तरह से पेट की दाईं तरफ कब्ज़ा करते हुए बाईं तरफ तक पहुंच गया था। मरीज को ट्यूमर का पहले से पता नहीं था और वह समझ रहे थे कि वजन बढ़ने की वजह से पेट के दाईं ओर खिंचाव और भारीपन था। ट्यूमर किडनी, इन्फीरियर वेनाकावा और आंतों से सटा हुआ था।
अस्पताल के डॉ. रणदीप वधवाण, निदेशक, एमएएस, बैरिएट्रिक एंड जीआई सर्जरी के अनुसार, ‘‘बड़े एड्रिनल मायोलोलिपोमा के मामले बढ़ रहे हैं, जो जानलेवा हैं और आवर्तक रेट्रोपेरिटोनियल हैमरेज के कारण फोड़ा और उसके फटने जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। अष्विनी के मामले में उनका बॉडी-मास इंडेक्स (बीएमआई) 48 था, उनकी सर्जरी में काफी ज्यादा जोखिम था। बड़े आकार के ट्यूमर को देखते हुए हमने उनके पेट में एक बड़ा सा चीरा लगाया। सर्जरी के माध्यम से निकाले गए ट्यूमर का वजन 11.5 किलोग्राम था, जो अब तक निकाले गए सबसे बड़े एड्रिनल मायोलोलिपोमा था। यह बहुत अधिक वैस्कुलर था और दाईं किडनी, इनफीरियर वेनाकावा तथा आंतों से भी जुड़ा हुआ था। इस सर्जरी में सबसे बड़ी चुनौती उनकी दाईं किडनी को नुकसान होने से बचाना था क्योंकि उनकी किडनी पहले ही मधुमेह और हाइपरटेंषन जैसी दो बीमारियों की वजह से प्रभावित हो चुकी थी। ट्यूमर की हिस्टोपैथोलॉजी जांच से एड्रिनल मायोलोलिपोमा की पुष्टी हुई।’’
भारत में अब तक सबसे बड़े ट्यूमर जिसका पता चला है वह 6 किलोग्राम का था और उसे 2003 में निकाला गया था। मारवाह का मामला सामने आने से पहले दुनिया में सबसे बड़े एड्रिनल एडनोम को एड्रिनल ट्यूमर्स की विभेदक जांच से 2013 में एक मरीज से निकाला गया और उसका वजन 7.5 किलोग्राम था, जिसके बारे में दावा किया गया था कि यह अब तक का सबसे बड़ा निकाला गया एड्रिनल ट्यूमर है।