जनजीवन ब्यूरो
पटना। उतरी बिहार में मंगलवार रात आए भयंकर तूफान में कम से कम 50 लोगों के मरने की आशंका है। अबतक 32 लोगों के मरने की पुष्टी हो चुकी है। सबसे ज्यादा पुर्णिया जिले में 15 लोगों की मौत हुई है। राज्य मुख्यालय में जानमाल की क्षति की सूचना लगातार आ रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मरने वालों लोगों के परिजनों को चार- चार लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा समेत उत्तर पूर्व बिहार के कई इलाकों पर तूफान का कहर देखा जा रहा है।
पूर्णिया जिले के एक अधिकारी के अनुसार, जिले के डगरूआ प्रखंड में सैकड़ों झोपड़ी और एस्बेस्टस (टीन) की छतें उड़ गई हैं और मकान गिर गए हैं। पूर्णिया के डीएम राजेश कुमार ने 15 लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि विभिन्न इलाकों से अब तक 15 लोगों की मौत की खबर है। डगरूआ में सबसे ज्यादा 12 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में सर्वेक्षण का काम जारी है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक पूर्णिया में मृतकों की संख्या 25 है और यह संख्या और बढ़ने की आशंका है। तेज आंधी के कारण 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें पूर्णिया के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार के तीन जिलों में देर रात को आए भीषण तूफान से 32 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक घायल हो गए और फसलें भी बरबाद हो गई हैं। 10 हजार से अधिक घर उजड़ गए हैं। सड़कों और बिजली के पोलों पर पेड़ गिर जाने से यातायात और बिजली व्यवस्था ठप पड़ गई है। आंधी तूफान से मोबाइल टावरों को भी नुकसान हुआ है, जिससे मोबाइल नेटवर्क भी काम नहीं कर रहा है। मधेपुरा जिले में भी आंधी के कारण पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि 25 से यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। जिले के मुरलीगंज, बिहारीगंज और उदाकिशनगंज प्रखंड के कई गांव प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। मधेपुरा के डीएम ने कहा है कि अधिकारियों को आदेश दे दिया गया है कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मुहैया कराई जाए। प्रशासन और स्थानीय लोग सड़कों पर गिरे पेड़ काटकर हटा रहे हैं।