जनजीवन ब्यूरो
नयी दिल्ली : एबीवीपी के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली करगिल शहीद की बेटी और डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) की स्टूडेंट गुरमेहर कौर ने खुद को कैम्पेन से अलग कर लिया है। उन्होंने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा- “मैं कैम्पेन से अलग हो रही हूं। सभी को बधाई। मैं रिक्वेस्ट करती हूं, मुझे अकेला छोड़ दिया जाए। मैंने जो कहना था कह दिया है। जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय के वामपंथी छात्रों ने एबीवीपी के खिलाफ मार्च निकाला. इस विरोध मार्च में छात्र हाथों में तख्ती लिये हुए थे जिसपर एबीवीपी का फुल फार्म अंकित किया गया था. तख्ती में लिखा गया था..ए – आओ…बी-भाई… वी- विद्यार्थी… पी -पीटें…..
उधर,स ने करगिल युद्ध में शहीद की बेटी गुरमेहर कौर की शिकायत पर मंगलवार को केस दर्ज कर लिया है. गुरमेहर ने आरोप लगाया था कि उन्हें छात्र संगठन एबीवीपी के सदस्यों की तरफ से दुष्कर्म की धमकी मिल रही है. इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने कहा कि साइबर सेल इस मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस ने जानकारी दी कि प्राथमिकता के आधार पर मामले की जांच की गई और फिर आईटी ऐक्ट के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने आज फिर मामले पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह (गुरमेहर कौर) युवा हैं. उनपर विवाद करना उचित नहीं है. यह तो उन वामपंथियों के लिए है जो हमारे जवानों की शहीदी पर जश्न मनाते हैं. भारत और चीन के बीच युद्ध के समय उन्होंने (लेफ्ट विंग) चीन का समर्थन किया. वे युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं, जो सही नहीं है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस गुरमेहर को पूरी सुरक्षा प्रदान कर रही है. वहीं दूसरी ओर एबीवीपी की ओर से भी पुलिस को एक आवेदन दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि उसका कोई सदस्य दुष्कर्म की धमकी देने वालों में संलिप्त नहीं है. इधर, खबर है कि डीयू में मचे घमासान के बीच गुरमेहर कौर ने मंगलवार को दिल्ली छोड़ दिया है. गुरमेहर के परिवार का कहना है कि वह अब दिल्ली में नहीं हैं.
यहां उल्लेख कर दें कि गुरमेहर ने एआइएसए के ‘पब्लिक प्रोटेस्ट मार्च’ से भी खुद को अलग कर लिया था जिसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर दी थी. मामले को लेकर गुरमेहर ने सोमवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल से मुलाकात भी की थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर कथित तौर पर एबीवीपी सदस्यों की ओर से दुष्कर्म की धमकी मिलने की शिकायत की थी जिसके बाद महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को चिट्ठी लिखी थी.