जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । दिल की बीमारी से होने वाली मौत के हर छह मामलों में से एक में लोग शुरुआती चेतावनी पर ग़ौर करना भूल जाते हैं. ये बात ब्रिटेन में हुए एक सर्वे में सामने आई है. इस सिलसिले में शोधकर्ताओं ने साल 2006 से 2010 के बीच अस्पतालों में दिल के दौरे की वजह से भर्ती होने वाले मरीजों और मौत के सभी मामलों की स्टडी की.
लंदन के इम्पीरियल कॉलेज की टीम ने शोध में पाया कि 16 फीसदी मामलों में अस्पताल में भर्ती कराए गए मरीज़ों की मौत 28 दिनों में ही हो गई थी.
इन मरीजों को सीने में दर्द की शिकायत थी, लेकिन इसके बावजूद उनकी जांच में चूक हुई. ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन ने इस शोध के नतीजों को चिंताजनक बताया है.
इम्पीरियल कॉलेज के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से जुड़े शोधकर्ताओं का कहना है कि इस सिलसिले में और रिसर्च की ‘फ़ौरन जरूरत’ है.
कई बार लोग दिल की बीमारी के शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और इस लापरवाही का नतीजा अक्सर जानलेवा होता है.
शरीर के दूसरे हिस्सों में दर्द- दर्द सीने से हाथों (अमूमन बाएं हाथ पर असर पड़ता है, लेकिन दोनों हाथों में दर्द हो सकता है), जबड़े, गर्दन, पीठ और पेट की ओर जाता हुआ महसूस हो.
मन अशांत लगे या चक्कर आए.
पसीने से तरबतर होना.
सांस लेने में तकलीफ़.
मितली आना, उल्टी जैसा लगे.
बेचैनी महसूस हो.
खांसी के दौरे, ज़ोर-ज़ोर से सांस लेना.
हालांकि दिल के दौरे में सीने में अक्सर ज़ोर का दर्द उठता है, लेकिन कुछ लोगों को केवल हल्के दर्द की शिकायत रहती है. कुछ मामलों में सीने में दर्द नहीं भी होता है, ख़ासकर महिलाओं, बुजुर्गों और डायबिटीज वाले लोगों में.