जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम के पडेरू में एक छह वर्षीय आदिवासी बच्चा दो तेंदुए के बच्चों को बिल्ली का बच्चा समझकर अपने घर ले आया। एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार, तेंदुए के बच्चों को घर लाने के बाद लड़के ने उन्हें दूध और खाना भी खिलाया। कुछ दिनों तक वह तेंदुए के साथ खेलता रहा। लड़के के परिवार वाले भी यह नहीं समझ सके कि तेंदुए के बच्चे हैं या फिर बिल्ले के।
हालांकि, कुछ दिन बाद जब इस घटना की जानकारी लड़के के परिवार वालों को लगी तो उन्होंने वन अधिकारियों को सूचना दी। वन अधिकारियों ने दोनों तेंदुए के बच्चों को 10 किमी दूर जंगल में छोड़ दिया। एक वन अधिकारी ने बताया, ‘यदि तेंदुए के बच्चों की मां पास में मौजूद होती तो लड़के को खतरा हो सकता था।’
वन अधिकारी ने बताया कि एक बार में मादा तेंदुआ दो से छह बच्चों तक जन्म दे सकती है। बच्चे दो साल तक अपनी मां को नहीं छोड़ते हैं और वे उनके संरक्षण में रहते हैं।