जनजीवन ब्यूरो
बलिया: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा है. पीएम मोदी ने ‘काम नहीं, कारनामे बोलते हैं’ के आरोप अधिलेश पर लगा चुके हैं. अखिलेश ने नगरा क्षेत्र में सपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा कि मोदी जी हमारे कारनामे बताते हैं लेकिन उन्होंने अपने काम का अब तक कोई हिसाब-किताब नहीं दिया. मोदी विकास पर बहस करने से भाग रहे हैं. दरअसल कोई काम ना करना ही मोदी का सबसे बड़ा कारनामा है. अगर वह हमारे कारनामे को देखना चाहते हैं तो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर आइये, जो हमने बनाया है.
प्रदेश में बिजली आपूर्ति में भेदभाव का आरोप लगाने वाले प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 24 घंटे बिजली आने को लेकर अब तक गंगा मैया की कसम नहीं खायी है. इसका मतलब है कि वह इस सवाल पर लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं. उन्होंने मोदी को ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की व्यावहारिकता के मामले पर घेरते हुए कहा कि मोदी अपनी हर सभा में कह रहे हैं कि उन्होंने गरीब महिलाओं को रसोई गैस सिलिंडर और चूल्हा दिया है. यह सच है, लेकिन गरीबों ने सिलिंडर और चूल्हा इस्तेमाल करने के बजाय अलमारी में रख लिया है, यह सोचकर कि जब बेटी की या घर में किसी और की शादी होगी तो दहेज में दे देंगे.
अखिलेश ने कहा, ‘‘सवाल यह है कि आपने बहुत गैस चूल्हा दे दिया, मगर बताइये कि सिलिंडर की कीमत लगातार क्यों बढ़ा रहे हैं, और आप गरीबों को कितने मुफ्त सिलिंडर देंगे. अगर गरीबों को कभी सिलिंडर की जरूरत पड़ गयी तो बताओ, क्या दोगे.’’ अखिलेश ने मोदी पर हमले जारी रखते हुए कहा ‘‘प्रधानमंत्री जी ने गोंडा में कहा कि उत्तर प्रदेश में परीक्षाओं में बहुत नकल हो रही है. हमने पूछा कि सबसे बड़ा नकल वाला माफिया तो आपके मंच पर बैठा है. जब अमेरिका के राष्ट्रपति आये थे तो नकल करके सूट बनवाया था. आप बताओ किसकी नकल की थी.’’
सपा अध्यक्ष ने बसपा मुखिया मायावती पर भी प्रहार करते हुए कहा कि पत्थर वाली सरकार की नेता जब लिखा हुआ भाषण पढ़ती हैं तो कुर्सियों पर बैठी जनता सो जाती है. मायावती अब कह रही हैं कि वह स्मारक नहीं बनवाएंगी, मगर उन पर कौन भरोसा करेगा. उन्होंने तो अपने जीते-जी अपनी पत्थर की मूर्ति लगवा ली. अपनी नाक, कान, मुंह पत्थर का कर लिया, नकदी वाला बैग भी पत्थर कर कर लिया. वैसे तो कहने को वह हमारी बुआ हैं, लेकिन भाजपा से कब मिल जाएं और रक्षाबंधन मना लें, यह पता नहीं.