जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को बिहार के चक्रवाती तूफान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों का हालचाल जानेंगे। लोकसभा में शुन्यकाल के दौरान उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए राजनाथ ने कहा कि अबतक 50 से ज्यादा लोगों के मरने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तूफान पीड़ितों को हरसंभव सहायता देगी।
लोकसभा में तूफान पीड़ितों का मामला उठाते हुए एनसीपी के तारीक अनवर ने कहा कि कोसी इलाके में तूफान का कहर सबसे ज्यादा था। जिसके कारण सबसे ज्यादा लोग पुर्णिया में मरे हैं। कोसी इलाके सबसे पिछड़े इलाके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर से मदद कर रही है लेकिन केंद्र सरकार भी एक टीम भेजकर स्थिति का जायजा ले। कांग्रेस की रंजीता रंजन ने सवाल उठाते हुए कहा कि कोसी और सीमांचल के इलाके में चक्रवात का कहर ज्यादा रहा। इसलिए केंद्र सरकार को अपनी टीम भेजकर हालात का जायजा लेना चाहिए।
सदस्यो के सवाल का जवाब देते हुए राजनाथ ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी लगातार बात हो रही है। नीतीश जब तूफान प्रभावित इलाके का जायजा लेकर आए तो उन्होंने पूरी जानकारी दी। शुक्रवार को खुद वह बिहार के तूफान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जा रहे हैं।
मंगलवार देर रात बिहार चक्रवाती तूफान से 59 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों जख्मी हो गए। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक अकाल मौत के शिकार हुए लोगों की संख्या 42 है। सर्वाधिक प्रभावित पूर्वी बिहार के पूर्णिया जिले में 40 लोगों की अकाल मौत हुई है। मधेपुरा में सात, कटिहार में दो, सुपौल में एक की जान गई है। 2500 लोगों के घायल होने की सूचना है। 25 हजार से अधिक कच्चे घर ढह गए। ओलावृष्टि के कारण एक हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में लगी फसलों की व्यापक क्षति हुई है। प्रभावित इलाकों में पांच हजार से अधिक पोल उखड़ गए हैं। बिजली और संचार-सेवा चरमरा गई है।
प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर पटना लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग के हवाले से मृतकों की संख्या 42 बताई है। उन्होंने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की पूरी भरपाई करने की घोषणा की।
पूर्वी बिहार में टीन और फूस की छप्पर वाले 25 हजार घर ताश के पत्तों की तरह हवा में उड़ गए। हवा इतनी तेज थी कि टीन की चादर वाले कई घर पेड़ के ऊपर पहुंच गए। यहां मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी का अंदेशा है। पूर्णिया जिला के डगरुआ प्रखंड में सर्वाधिक क्षति हुई है। पूरे जिले में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है। सड़कों पर बिजली के खंभे गिरे हुए हैं और टेलीफोन सेवा ध्वस्त हो गई है।