जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली, 24 अप्रैल। जानी-मानी सामाजिक संस्था सुलभ इंटरनेशलन ऑर्गनाइजेशन ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पुण्य तिथि के मौके पर दस लाख रूपए के पुरस्कारों से तीन हस्तियों को सम्मानित किया। पांच लाख रूपए का दिनकर सुलभ साहित्य सेवा सम्मान जाने-माने कवि और साहित्यकार शारदा सैदपुरी को दिया गया। जबकि ढाई-ढाई लाख रूपए के दो पुरस्कार नवदुनिया भोपाल और बैतूल के पत्रकार सुनील शुक्ला को दिया गया। दोनों को यह पुरस्कार स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए दिया गया। दिल्ली में एक भव्य समारोह में सिक्किम के पूर्व राज्यपाल बीपी सिंह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर सीपी ठाकुर और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष और गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित बलदेवभाई शर्मा ने ये पुरस्कार दिए।
इस मौके पर सुलभ सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक और जाने-माने समाजसेवी डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने दिनकर सुलभ साहित्य अकादमी के जरिए एक ऐसे शब्दकोश के निर्माण का वादा किया, जिसमें अंग्रेजी समेत तमाम भारतीय भाषाओं के वे शब्द शामिल होंगे, जो बोलचाल में इस्तेमाल किए जाते हैं। इस मौके पर उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की रचनाओं को याद करते हुए कहा कि दिनकर राष्ट्रीयता के पहले कवि हैं, जिनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावना की हुंकार पहली बार दिखती है। पहला दिनकर स्मृति व्याख्यान देते हुए पूर्व राज्यपाल डॉक्टर बाल्मीकि प्रसाद सिंह ने कहा कि दिनकर पहले कवि हैं, जिन्होंने तरूणों में जोश भरने का काम किया। उन्होंने दिनकर की रचनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि दिनकर अंगार के कवि हैं, मृत्युंजय कवि हैं। श्री सिंह ने कहा कि दिनकर की रचनाओं में ज्वाला दिखती है। उन्होंने दिनकर की उस कविता को खासतौर पर याद किया, जिसे आपातकाल के दिनों में जयप्रकाश नारायण खासतौर पर मंचों से पेश करते थे। जवाहर लाल नेहरू के नजदीकी रहे दिनकर ने आपातकाल का विरोध करते हुए लिखा था, सिंहासन खाली करो, कि जनता आती है। उन्होंने दिनकर की रचना कलम उनकी जय बोल का उल्लेख करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के वर्चस्व के दौर में पत्रकारों को खासतौर पर इस रचना को ध्यान में रखना होगा।
इस मौके पर बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि राष्ट्र की अवधारणा भारतीय ऋषियों ने दिया। उन्होंने दिनकर को राष्ट्रीयता का कवि बताते हुए कहा कि दिनकर की रचनाओं को पढ़ने की बजाय आज आत्मसात करने की ज्यादा जरूरत है। बलदेव भाई ने कहा कि दिनकर की रचनाओं में बार-बार आम आदमी और राष्ट्र उभर कर सामने आता है। इस मौके पर सम्मानित कवि शारदा सैदपुरी ने डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक की उपलब्धियों का खासतौर पर उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दुनिया ने गांधी को ठीक से नहीं समझा। शारदा सैदपुरी ने कहा कि सही मायने में गांधी को डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने समझा और उनके सिद्धांतों और सोच को जमीन पर सही मायने में उतार दिया है। अपने व्याख्यान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर सीपी ठाकुर ने कहा कि आज के दौर में समाज साहित्य से विमुख होता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत साहित्य को लेकर समाज को जागरूक करने को है।
आखिर में भव्य कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। जाने-माने कवि डॉक्टर सुरेश नीरव के संयोजन में हुए इस कवि सम्मेलन में देशभर से आए कवियों ने अपनी रचनाओं से लोगों का मन मोह लिया।