जनजीवन ब्यूरो
कोलकाता / नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ के परिजनों को 5 लाख रुपए की सहायता और एक को नौकरी देंगी. सुकमा में मारे गए सीआरपीएफ जवानों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि बार बार हादसे होने के बावजूद सरकार कुछ नहीं कर रही है. दरभंगा के जवान नरेश यादव के परिजनों के अलावा गांव के लोग भी केंद्र सरकार पर खासे नाराज हैं और सबके मन में सवाल है कि आखिर कब तक नक्सलियों के निशाने पर देश के जवान रहेंगे. कब तक वह अपनी प्राणों की आहूति देते रहेंगे. ग्रामीणों के साथ परिजनों का भी कहना है कि सरकार उन पर कठोर कार्रवाई करे और उनका मुंहतोड़ जवाब दे. नरेश 1994 में सीआरपीएफ में बहाल हुए थे. नरेश अपने पीछे बुजुर्ग मां-बाप और बीबी के साथ तीन बच्चे छोड़ गये हैं. नरेश अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे और परिवार में अकेले कमाने वाले थे. नरेश के शहीद होने की खबर के बाद से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है.
दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अपने बहादुर जवानों के बलिदान को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यही इरादा जताया था। राजनाथ ने कहा कि वामपंथी उग्रवादी CRPF की कार्रवाई से बौखला गए हैं। हम इस हमले को एक चुनौती की तरह ले रहे हैं। सीएम रमन सिंह ने भी इस घटना को निंदनीय बताया है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रायपुर में नक्सली आदिवासियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने रायपुर में कहा कि नक्सली विकास को अस्थिर करना चाहते हैं। हम नक्सल विरोधी रणनीति की समीक्षा करेंगे।
गृहमंत्री ने इस हमले को नक्सलियों की कायराना हरकत बताया और कहा कि क्षेत्र में हो रहे विकास से नक्सली बौखलाए हुए हैं। इसलिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलियों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। सिंह ने संकेत दिए कि लड़ाई की रणनीति के संबंध में आठ मई को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में कल नक्सली हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवान शहीद हो गए थे। शहीदों को गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलीरामजीदास चंदन, मुख्यमंत्री रमन सिंह और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बुरकापाल गांव के करीब नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया था।
चिंतागुफा थाना क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 74वीं बटालियन की दो कंपनियों को बुरकापाल से चिंतागुफा के मध्य बन रही सड़क की सुरक्षा में रवाना किया गया था। दल जब बुरकापाल से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर था तब नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस दल ने भी जवाबी कार्रवाई की।
इससे पहले नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों का शव मंगलवार को माना के सीएएफ कैंप लाया गया। तिरंगे में लिपटे जवानों का शव देखकर वहां का माहौल गमगीन हो गया। उधर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह बी छत्तीसगढ़ पहुंचे। उन्होंने शहीद जवानों के शव को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत कई और नेता मौजूद थे।