पलवल। अबतक सड़कें जमीनी स्तर पर देश में बन रही थी लेकिन जल्द ही फैक्ट्रियों में तैयार की जाएगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने जनजीवन डॉट कॉम को बताया कि इसके लिए तैय़ारियां शुरु कर दी गई है. इसका फायदा यह होगा कि सड़कों के निर्माण पर आने वाले खर्च को कम किया जा सकेगा साथ ही सड़कें ज्यादा दिनों तक चलेगी.
गडकरी ने बताया कि सीमेंट और कंक्रीट से ही देश के सभी हाई वे को तैयार किया जाएगा. सीमेंट और कंक्रीट से सड़कें फैक्ट्री में तैयार करके उसे निर्माणस्थल पर ले जाया जाएगा. ऐसा करने से आम लोगों को कोई परेशानी भी नहीं आएगी और काम भी तेजी से होगा. कोलतार से बनने वाली सड़कों से प्रदूषण ज्यादा फैलता है जबकि सीमेंट-कंक्रीट से बनी सड़कें प्रदूषण नहीं फैलाती है. उन्होंने बताय़ा कि
Ø देश में 52 लाख किमी लम्बी सड़क में 97 हजार किमी एनएच को दो लाख किमी करने का लक्ष्य रखा गया था.
Ø जिसमें अभी तक एक लाख 78 हजार करोड़ लम्बी सड़क को एनएच बनाने सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है.
Ø देश में गतिशील ट्रांसपोर्ट हमारे आर्थिक विकास की आवश्यकता है, एनएच विकास के साथ हमें अगले चरण में बड़े पैमाने पर एक्सप्रेस-वे निर्माण का काम हाथ में लेना है. इसमें 11 एक्सप्रेस-वे बनाने का फैसला किया गया है.
Ø देश में एक्सप्रेस-वे बनने से लाजिस्टिक एम्प्रूवमेंट के हमारे प्रयासों को विशेष सहयोग मिलेगा.
एक्सप्रेस-वे
• ईस्टन पेरीफेरी 135 किमी
• दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे 90 किमी
• दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे 196 किमी
• दिल्ली-लुधियाना-अमृतसर-कटरा 600 किमी
• मुम्बई-बदोदरा एक्सप्रेस-वे 375 किमी
• बंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेस-वे 350 किमी
• हैदराबाद-विजयबाड़ा-अमरावती
• हैदराबाद- बंगलुरू एक्सप्रेस-वे
• नागपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे
• अमरावती रिंग रोड एक्सप्रेस-वे
ईस्टन पेरीफेरी
Ø 4,418 करोड़ की लागत से135 किमी लम्बाई वाला देश का पहला एक्सेस कंट्रोल ईस्टन पेरीफेरी एक्सप्रेस-वे बन रहा है.
Ø एक्सप्रेस-वे कुंडली से शुरू होकर बागवत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, फरीदाबाद होते हुए पलवल तक बनेगा.
Ø ईस्टन की तर्ज पर135 किमी लम्बाई का बेस्टन पेरीफेरी एक्सप्रेस-वे हरियाणा सरकार द्वारा कुंडली -मानेसर-पलवल तक बनाया जा रहा है.
Ø एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे में हाइवे ट्राफिक मैनेजमेंट सिस्टम, इलेक्ट्रानिक साइनेजस, वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम, वार्निंग डिवाइसेस, ओवर स्पीड चेकिंग सिस्टम, वे-इन मोशन, फाइवर आप्टिक नेटवर्क सहित कई आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
Ø ईस्टन पेरीफेरी बनने से उप्र, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर को जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों दिल्ली नहीं आना पड़ेगा.
Ø ईस्टन पेरीफेरी बनने का बहुत बड़ा लाभ दिल्ली को होगा. दिल्ली की 50 फीसदी ट्राफिक जाम की समस्या हल होगी तथा राजधानी के प्रदूषण में भी कमी आएगी.
Ø इस एक्सप्रेस-वे का अभी तक लग भग 60 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है.
Ø इस समय हम एक आरओवी सौ दिन में बना रहे हैं.
ईस्टन पेरीफेरी में ब्रिज, इंटरचेंज, फ्लाईओवर जैसे जो 389 स्ट्रक्चर के कार्य किए जा रहे हैं, उसमें 222 का काम पूरा हो गया है.
मुख्य स्ट्रक्चर
• मेजर ब्रिज- यमुना नदी, हिंडन नदी और आगरा कैनाल
• छोटे ब्रिज- 45
• रेलओवर ब्रिज-08
• फ्लाईओवर-04
• अंडरपास-77
• पेड्रेस्ट्रियन अंडरपास-152
• कल्वर्ड-116
Ø 14सितम्बर 2015 को अपायमेंट तारीख दी गई थी.
Ø पांच नवम्बर 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसका शिलान्यास किया गया था.
Ø प्रधानमंत्री ने 400 दिन में काम पूरा करने का लक्ष्य दिया था.
Ø अपायमेंट तारीख देने के बाद भूमिअधिग्रहण की समस्या के चलते 23 मई 2016 को प्रत्यक्ष रूप से निर्माण कार्य शुरू हो सका.
Ø कार्य शुरू होने के बाद किसानों के आंदोलन के चलते बीच-बीच में कुल मिलाकर 48 दिन काम बंद रहा.
Ø हम कोशिश कर रहे हैं कि निर्धारित समय अगस्त 2017 तक काम पूरा हो सके, इसके लिए एनएचएआई और ठेकेदार पर हम दबाव बनाए हुए हैं.
v दिक्कतें
Ø नया एक्ट आने के कारण अधिग्रहित भूमि पर कब्जा को लेकर समस्या खड़ी हुई.
Ø ईस्टन-बेस्टन पेरीफेरी को मिलाकर किसानों को भूमिअधिग्रहण का 4,100 करोड़ रूपए का अतिरिक्त भुगतान बढ़ाकर अब तक 7,700 करोड़ का मुआवजा दिया गया.
Ø कार्य को जल्द पूरा करने में सीमेंट, पत्थर, मिट्टी की उपलब्धता की भी समस्या आई. जिसमें राज्य सरकारों के साथ बात करके हल निकाला गया.
ऐसे हो रहा काम
Ø 260 लाख क्यूविक मीटर मिट्टी का इस्तेमाल होगा, जिसमें प्रतिदिन 12 हजार ट्रक यानी 1 लाख क्यूविक मीटर मिट्टी डाली जा रही है.
Ø प्रतिदिन एक लाख बोरी सीमेंट की खपत हो रही है. इसके अलावा निम्न तादात में सामग्री का उपयोग किया जाएगा.
• 11 लाख मिट्रिक टन सीमेंट
• 50 लाख मिट्रिक टन एग्रीगेट
• 20 लाख मिट्रिक टन रेत
• 1 लाख मिट्रिक टन स्टील
• 100 लाख क्यूविक मीटर फ्लाई एैश
मेन पावर एवं मशीनरी
Ø ईस्टन पेरीफेरी के निर्माण में 40 लाख मैनडेज का रोजगार निर्मित हुआ है. जिसमें 2,100 इंजीनियर तथा 5,200 सहयोगी कर्मचारी काम कर रहे हैं.
Ø 2,300 से अधिक डम्फर, जेसीबी, एक्सकेवेटर, वाटर टैंकर, ग्रेडर्स, डोजर्स काम पर लगे हैं.
Ø कंक्रीट सड़क निर्माण में लगने वाले16 मीटर के 6 पेवर लगातार काम कर रहे हैं, पूरे देश में ऐसे केवल 8 पेवर उपलब्ध हैं.
बेस्टन पेरीफेरी
Ø ईस्टन की तर्ज पर135 किमी लम्बाई का बेस्टन पेरीफेरी एक्सप्रेस-वे भी बन रहा है.
Ø इसमें कुंडली -मानेसर-पलवल तक का हिस्सा बन गया है.
Ø कुंडली से मानेसर तक सड़क निर्माण का काम तेज गति से हो रहा है.
Ø राज्य सरकार के साथ हाल में बैठक करके हमने अगस्त-2017 तक काम पूरा करने का निर्देश दिया है.