जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित 12 वीं सदी के महान समाज सुधारक बासवाचार्य जयंती समारोह में शनिवार को तीन तलाक का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाज में व्याप्त एक ऐसी बुराई है जिसका नुकसान हमारी मुस्लिम बहनों को उठाना पड़ता है। पीएम ने कहा मैं उम्मीद करता हूं कि तीन तलाक से गुजर रही हमारी मुस्लिम बहनों को बचाने के लिए उसी समाज से लोग सामने आएंगे। तीन तलाक मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह भी मोदी ने किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में भी ऐसे लोग आएंगे और मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाएंगे।’
मोदी ने कहा, ‘भारत के प्रबुद्ध मुसलमान न केवल देश में बल्कि दुनिया को तीन तलाक से निपटने का रास्ता दिखाएंगे।’ उन्होंने साथ ही कहा कि देश में छुआछूत, जातिप्रथा जैसी व्यवस्था नहीं हो। समाज में ऊंच-नीच का भेदभाव खत्म हो। यह यही सिद्धांत लोकतंत्र के लिए मजबूत नींव है। बिना भेदभाव के सभी का विकास हो। सबको साथ लेकर, सबके प्रयत्न से सबका विकास किया जा सकता है।
पीएम ने राजा राममोहन राय का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने विधवा विवाह की बात रखी होगी, उस समय उन्हें कितनी आलोचना का शिकार होना पड़ा होगा। माता-बहनों के साथ समाज में हो रहे घोर अन्याय के खिलाफ लड़े और कर के दिखाया। तीन तलाक को लेकर आज इतनी बहस चल रही है। मैं भारत की महान परंपरा को देखते हुए… मेरे भीतर एक आशा का संचार हो रहा है। मेरे मन में एक आशा जगती है कि इस देश में समाज के भीतर से ही लोग निकलते हैं जो बुरी परंपराओं को तोड़ते हैं और आधुनिक परंपराओं को विकसित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘सदियों पहले से ही भारत में महिलाओं को अपनी बात कहने का हक दिया गया था। तीन तलाक के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं हो। भारत से ही प्रबुद्ध मुसलमान निकलेंगे और इस मुद्दे का समाधान खोजेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘समस्या का समाधान करना जरूरी है। तीन तलाक के संकट से गुजर रही मुस्लिम महिलाओं को इससे छुटकारा दिलाना है। देश के प्रबुद्ध मुस्लिम इसके लिए कदम उठाएं। आने वाली पीढ़ियों को उससे ताकत मिलेगी।’