गुजरात दंगे में सामुहिक बलात्कार का शिकार हुई बिलकिस बानों को मुंबई हाई कोर्ट से न्य़ाय तो मिला है लेकिन गुजरात सरकार की उदासीनता से अभी भी वह निराश हैं. बिलकिस बानो को दुख है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह कभी भी उनके घाव पर मरहम लगाने का प्रयास नहीं किया. जिस समय बलात्कार की घटना हुई उस समय बिलकिस की उम्र महज 19 साल थी आज उनकी दो छोटी छोटी बच्चियां हैं. हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ रहे देश और बंद हो रहे बूचरखाने के कारण बिलकिस के परिवार के सामने रोजी रोटी का भी संकट आ रहा है. 15 साल तक न्याय के लिए संघर्ष कर रही बिलकिस बानो से जनजीवन के मुख्य संपादक अमलेंदु भूषण खां ने लंबी बातचीत की. जानिए क्या क्य़ा कहा बिलकिस ने-
प्रश्न- मुंबई हाई कोर्ट के फैसले को आप किस तरह से देखती हैं ?
बिलकिस- कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं. आखिरकार न्य़ाय मिला. पूरे न्यायिक व्यवस्था पर पूरा विश्वास है. 15 साल का संघर्ष व्यर्थ नहीं गया. न्यायपालिका पर इतना भरोसा बढ़ा है कि मैं अपनी बड़ी बेटी को वकील बनाऊंगी.
प्रश्न- निर्भया मामले में कोर्ट ने चार साल में ही फांसी की सजा सुना दी और आपको 15 साल तक इंतजार करना पड़ा ?
बिलकिस- मुझे किसी से न तो बदला लेना है और न ही किसी से तुलना करनी है. मुझे न्याय मिला इससे मैं बेहद खुश हूं. हां एक चीज जरुर मैं कहना चाहती हूं कि बलात्कार की शिकार सभी महिलाओं को जल्द से जल्द न्याय मिलने की व्यवस्था होनी चाहिए. तेजी से मिले न्याय पर पीडि़तों का भरोसा बढ़ जाता है.
प्रश्न- क्या आप आरोपियों को निर्भया मामले की तरह फांसी सजा दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगी ?
बिलकिस- यदि आरोपी अपनी सजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो मैं भी जाऊंगी. अन्यथा मैं फैसले के खिलाफ अपील नहीं करुंगी.
प्रश्न- 15 सालों तक मुकदमा लड़ने के दौरान क्या कभी किसी ने धमकी दी ?
बिलकिस- काफी धमकिया मिली. लेकिन मैं किसी से डरी नहीं. हां इतना तो जरुर हुआ कि मुझे 20 बार घर बदलने पड़े. लेकिन मैंने अपना कदम पीछे नहीं खींचा.
प्रश्न- आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गृह राज्य से आती हैं क्या कभी इन्होंने आपको किसी तरह के मदद की पहल की ?
बिलकिस- नहीं. जब मोदी जी मुख्यमंत्री थे और अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे तो उन्होंने किसी तरह का मरहम उनके घाव पर लगाने का प्रयास नहीं किया. मुंबई हाई कोर्ट के फैसले में जज ने 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है. देखना यह है कि राज्य सरकार किस तरह से इसका पालन करती है.