अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली: कांग्रेस जहां एकजुट विपक्ष राजग उम्मीदवार के खिलाफ एक संयुक्त उम्मीदवार सामने रखकर राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए प्रतिबद्ध है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एकसाथ लाने के लिए प्रयास को ‘अस्तित्व बचाने की लड़ाई’ करार दे रहे हैं.
कांग्रेस ने शुक्रवार (12 मई) को साफ किया कि एकजुट विपक्ष राजग उम्मीदवार के खिलाफ एक संयुक्त उम्मीदवार सामने रखकर राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रयास के लिए सारी ऊर्जा मिलकर काम कर रही है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि इस संबंध में बिना किसी भय, पक्षपात या अहम के विचार-विमर्श चल रहा है. इस मुद्दे पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘विपक्ष का व्यापक फलक राष्ट्रपति चुनाव में जोरदार जवाब देने और सरकारी राजग उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव जीतने के लिए सबसे विश्वसनीय और जीतने वाला चेहरा उतारने के लिए प्रतिबद्ध है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि बिना किसी डर या पक्षपात या बंधन या अहम के इस दिशा में हर मुमकिन कोशिश हो रही है और व्यापक विपक्ष का सभी सहयोग सकारात्मक रूप से इस प्रयास और परिणाम के लिए मिल रहा है.’ प्रणब मुखर्जी की जगह लेने के लिए जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर संभावित नामों का खुलासा किये बिना उन्होंने कहा, ‘हम स्पष्ट कर दें, हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं.’
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एकसाथ लाने के लिए प्रयास को ‘अस्तित्व बचाने की लड़ाई’ करार दिया. बहरहाल नेता ने दावा किया कि कई विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले राजग के उम्मीदवार का समर्थन करेंगी.
विजयवर्गीय ने कहा, ‘कांग्रेस, माकपा और अन्य राजनीतिक दल विभिन्न चुनावों में लगातार हार का सामना करने के बाद भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गुट बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वे दांव पर लगे अपने अस्तित्व को बचाने के लिए एकसाथ आए हैं.’ विजयवर्गीय ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘अब वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक साथ आ रहे हैं. मैं आपको बताना चाहता हूं, इस बार भी उनकी हार होगी. विपक्षी खेमे से कई दल राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का समर्थन करेंगे.’
कांग्रेस अध्यक्ष के राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने की पहल के बाद उन्होंने यह बयान दिया है. सोनिया ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी और इस सिलसिले में वह तृणमूल सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकत करेंगी.