जनजीवन ब्यूरो / तिरुवनंतपुरम । बिहार में कुछ वर्ष पहले रेप करने वाले एक विधायक की दलित लड़की ने लिंग काट दिया था, आज केर में वही कहानी देहराई गई है. लेकिन इसबार नेता नहीं धर्मगुरु हैं. रेप के आरोपी अब खुद से लिंग काटने की बात बता रहे हैं. केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने महिला की तारीफ़ करते हुए इसे ‘साहसिक कार्य’ बताया तो एक महिला कार्यकर्ता ने ‘हिम्मत वाला काम’ करार दिया.
महिला ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में कहा है कि श्रीहरि उर्फ़ गणेशानंद तीर्थपदा उनके परिवार के धर्मगुरु थे और वो तब से उसका यौन उत्पीड़न कर रहे थे जब वो 16 साल की थी. महिला ने कहा कि शनिवार की तड़के जब श्रीहरि ने उसका बलात्कार करने की कोशिश की तो चाकू से उसका लिंग काट दिया.
तिरुवनंतपुरम के पुलिस आयुक्त स्प्रजन कुमार के अनुसार “परिवार को उन पर पूरा विश्वास था. और पीड़िता इस बात से डरी हुई थी कि अगर वो बलात्कार का आरोप लगाएंगी तो उनका परिवार यकीन नहीं करेगा. इसलिए, जब उसके साथ बलात्कार की कोशिश हुई तो उसने उसका लिंग काट दिया और ये सोचकर अपने घर से भाग गई कि श्रीहरि उसे मार डालेगा.”
54 साल के श्रीहरि को गंभीर हालत में तिरुवनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसकी आपात सर्जरी की. डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बताई है.
अस्पताल ने एक बयान में कहा है, “लिंग को वापस जोड़ने का कोई तरीका नहीं है.”
मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि ‘महिला द्वारा किया गया ये साहसिक और मजबूत कृत्य है.’
श्रीहरि का दावा है कि वो धर्मगुरु है और पनमना आश्रम के सदस्य हैं. हालाँकि, पनमना आश्रम के एक अधिकारी ने वो आश्रम के संन्यासी नहीं हैं. आश्रम के सचिव गिरीष कुमार ने कहा, “वो 15 साल पहले आश्रम में थे. कुछ कारोबार करने के लिए उन्होंने आश्रम छोड़ दिया था.”