जनजीवन ब्यूरो / बर्लिन: भारत और जर्मनी के दूतावासों के सहयोग से चलने वाले ‘द इंडो-जर्मन यंग लीडर्स फोरम’ (आईजीवाईएलएफ) के पिछले हफ्ते यहां खत्म हुए पहले सम्मेलन को काफी कामयाबी मिली है। सम्मेलन का मकसद दोनों देशों के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए प्रभावी प्रशिक्षण प्रणाली जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करना था जो उन्हें व्यवसाय स्थापित करने में मदद करे।
दोनों देशों के नौकरशाहों, कारपोरेट जगत की हस्तियों, शिक्षाविदों के लिए यह एक दूसरे को जानने का एक बेहतरीन मंच साबित हुआ।
तीन दिन के इस सम्मेलन में उर्जा के क्षेत्र में सहयोग और डिजिटल क्रांति के समाज पर प्रभाव पर विचारों का भी व्यापक आदान प्रदान हुआ।
जर्मन विदेश मंत्रालय की दक्षिण एशिया डिविजन के प्रमुख ड्रिक आस्टिन ने इस मौके पर कहा कि यह सम्मेलन भारत और जर्मनी की सरकारों की दोनों देशों के लोगों को ओर करीब लाने और युवा शक्ति को ताकत देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारत की ओर से कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने भी इस सम्मेलन को दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण बताया।