जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। 12वीं क्लास के करीब डेढ़ करोड़ स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटका है क्योंकि मॉडरेशन यानी छात्रों को नंबर बढ़ाकर देने की पॉलिसी के मुद्दे पर गड़बड़ी कायम है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्रों को नंबर बढ़ाकर देने की सीबीएसई की पॉलिसी को इस साल जारी रखने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सीबीएसई अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। ज्यादातर स्कूल्स इस मामले में क्या फैसला आता है इसको लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति में हैं जिस वजह से स्टूडेंट्स के 12वीं के रिजल्ट आने में देर हो रही है।
सीबीएसई परीक्षा में अतिरिक्त अंक देना जारी रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से इस बार परीक्षा परिणाम आने में देरी हो सकती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है। मंत्रालय इस बारे में कानूनी राय ले रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें बोर्ड परीक्षा में कठिन प्रश्नों के बदले 15 फीसदी अतिरिक्त अंक देने की नीति (मॉडरेशन पॉलिसी) को इस साल से खत्म कर दिया गया था। मंत्रलय के सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर बुधवार को सीबीएसई के चैयरमैन राजेश चतुर्वेदी ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ लंबी बैठक की। इस दौरान मंत्रलय के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला मंगलवार को आया था जबकि सीबीएसई 12वीं कक्षा के परीक्षाफल को अंतिम रूप दे चुका है। एक-दो दिन में इसे जारी करने की तैयारी भी हो चुकी थी, लेकिन ऐन वक्त पर हाईकोर्ट ने अतिरिक्त अंक देने की नीति इस साल बहाल रखने के आदेश दे दिए।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस मामले में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से सलाह मांगी गई है। इसके बाद मंत्रलय हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ स्टे लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने या नहीं जाने का फैसला करेगा। गुरुवार को इस बारे में स्थिति साफ होने की संभावना है।
मॉडरेशन नीति के तहत परीक्षार्थियों को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस नंबर दिए जाते हैं। मॉडरेशन नीति के अनुसार परीक्षार्थियों को किसी विषय में कठिन सवालों को लेकर 15% अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। सूत्रों के अनुसार, सीबीएसई ने अधिक नंबर हासिल करने वाले उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर यह फैसला लिया है।